कोलकाता, 18 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद कथित तौर पर ‘एक्सपायर्ड’ ‘इंट्रावीनस फ्लूड’ दिए जाने के कारण एक महिला की मौत के मामले में निलंबित किए गए 12 चिकित्सकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि छह स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं सहित चिकित्सकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है जो जीवन को खतरे में डालने और लोक सेवकों द्वारा दूसरों को चोट पहुचाने से संबंधित हैं।
गैर इरादतन हत्या एक गैर-जमानती धारा है जिसके लिए जुर्माना या 10 साल की कैद हो सकती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कोतवाली पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 105 (गैर इरादतन हत्या), 125 बी (मानव सुरक्षा को खतरे में डालना) और 198 (लोक सेवक द्वारा चोट पहुंचाना) शामिल हैं।’’
पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रसव के बाद कथित तौर पर उपयोग की अवधि समाप्त हो चुका ‘इंट्रावीनस फ्लूड’ दिए जाने के कारण एक महिला की मौत और चार अन्य के बीमार पड़ने के मामले में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराते हुए बृहस्पतिवार को एमएमसीएच के 12 चिकित्सकों को निलंबित कर दिया था।
चिकित्सकों के निलंबन की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राज्य सीआईडी (अपराध अन्वेषण विभाग) और स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित 13 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की दोनों रिपोर्ट में पाया गया है कि इन चिकित्सकों ने अपने कर्तव्यों के पालन में ‘‘लापरवाही’’ बरती, जिसके कारण महिला की मौत हो गई और चार अन्य बीमार हो गए थे।
भाषा खारी रंजन
रंजन