10% Reservation for deprived SC in Haryana Govt Latest Order: चंडीगढ़। हरियाणा: पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्वेशन को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि अब राज्य सरकारों के पास ये अधिकार होगा कि वो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के रिजर्वेशन कोटे में सब कैटेगरी बना सकें।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद यह तय हो गया था कि राज्य की सरकारें इसपर कानून भी बना सकेंगी। कोर्ट ने इसके लिए अपने ही पुराने 2004 के फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को अधिक वंचित जातियों के उत्थान के लिए आरक्षित श्रेणी के अंदर कोटा देने के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण करने का अधिकार है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद देश की राजनीति में उबाल आ गया था। दलित संगठनों और चिंतकों ने सर्कार पर ही गंभीर आरोप लगा दिए थे। उन्होंने इसे समाज कोई बांटने की कोशिश करार दिया था।
10% Reservation for deprived SC in Haryana Govt Latest Order: इसके बाद करीब 100 दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और फिर इस पर केंद्र न भी अपना रूख साफ़ कर दिया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एडीए सरकार बीआर अंबेडकर के बनाए गए संविधान से बंधी है। इस संविधान में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है।
1. हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 18, 2024
1. हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है। 1/3
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3. वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा। 3/3
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हरियाणा में लागू हुई व्यवस्था
एक दिन पहले ही शपथ लेने वाले हरियाणा के सीएम नायब सैनी सरकार ने राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए अनुसूचित जाति आरक्षण में कोटे के अंदर कोटे का फैसला लागू कर दिया है। हालांकि इस फैसले पर बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने नाराजगी जताई है। उन्होंने ‘एक्स’ अकाउन्ट पर लिखा कि, “हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।”
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10% Reservation for deprived SC in Haryana Govt Latest Order: मायावती ने आगे लिखा, “हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित व बीएसपी इसकी घोर विरोधी है। वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
गौरतलब हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ है। नायब सिंह सैनी दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने पद संभालने के साथ ही बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए है।
Haryana government has categorized SC reservation. There will be 36 castes included in the DSC (District Selection Committee). pic.twitter.com/qq3qVih7bn
— IANS (@ians_india) October 18, 2024