दस में से 1 से 3 लोगों में गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग : स्वास्थ्य सचिव

दस में से 1 से 3 लोगों में गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग : स्वास्थ्य सचिव

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  • Publish Date - September 27, 2024 / 07:14 PM IST,
    Updated On - September 27, 2024 / 07:14 PM IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चन्द्र ने शुक्रवार को कहा कि 10 में से एक से तीन लोगों में गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग पाया जा रहा है और मोटापे तथा मधुमेह जैसे चयापचय संबंधी विकारों से जुड़ी यह बीमारी तेजी से एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रही है।

चन्द्र ने यहां गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) से जुड़े संशोधित दिशानिर्देश और प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए। उन्होंने कहा कि भारत ने इसे एक प्रमुख गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) के रूप में पहचानने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘एनएएफएलडी तेजी से एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रहा है, जो मोटापे, मधुमेह और हृदय रोगों जैसे चयापचय संबंधी विकारों से निकटता से जुड़ा है। 10 में से एक से तीन लोगों में एनएएफएलडी हो सकता है जो बीमारी के प्रभाव को उजागर करता है।’’

चन्द्र ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संशोधित दिशानिर्देश और प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी करना बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे महत्व को दर्शाता है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ये दस्तावेज़ सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर चिकित्सा अधिकारियों तक सभी स्तरों पर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेंगे।

उन्होंने एनसीडी से पीड़ित लोगों के लिए देखभाल की निरंतरता के महत्व पर भी जोर दिया और एनएएफएलडी के प्रसार को कम करने के लिए जीवनशैली में संशोधन की आवश्यकता को रेखांकित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष कार्याधिकारी पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि इन दिशानिर्देशों को जमीनी स्तर के कर्मियों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि बीमारी का जल्द पता चल सके और एनएएफएलडी का बोझ कम हो सके।

भाषा नेत्रपाल वैभव

वैभव