रायपुर। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद देने वाला गढ़कलेवा 30 अक्टूबर से बंद हो जाएगा। वर्तमान में इसका संचालन मोनिषा स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं। 2016 से वे इसका संचालन कर रही हैं। इन्हें 3 साल के लिए टेंडर मिला था, जो कि 30 अक्टूबर को खत्म हो रहा है।
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इस बीच नये टेंडर में 2 लोगों ने आवेदन किया है, पर अभी तक वर्क ऑर्डर नहीं मिल पाने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में जल्द वर्क ऑर्डर नहीं मिला तो गढ़कलेवा में 30 तारीख से ताले लग जाएंगे।
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इसके बंद होने से सीधे तौर पर इससे जुड़े करीब 800 लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे। गढ़कलेवा बंद होने की आशंका के चलते स्वाद के चाहने वालों में भी निराशा है। बता दें कि अब तक छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि बाहर प्रांतों से आने वाले लोग भी फरा, चीला, चौसेला, अइरसा, बबरा जैसे कितने व्यंजनों का स्वाद न केवल चखते रहे, बल्कि अब वे नियमित इसे अपने खान-पान का हिस्सा बना चुके हैं। लोगों की मांग पर छत्तीसगढ़ी थाली भी यहां मिलना शुरू हुई थी। तीज त्योहार के अलावा शादी ब्याह में गढ़कलेवा के व्यंजन विशेष तौर पर ऑर्डर किए जाने लगे थे।
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