रायपुर: देश में कोरोना एक बार फिर तेवर दिखा रहा है। संक्रमण की रफ्तार ऐसी कि मार्च के महीने में ही मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। आंकड़े बताते हैं कि 8 से 14 मार्च के बीच करीब एक लाख 60 हजार संक्रमित मरीज थे, लेकिन 15 से 21 मार्च के बीच ये संख्या 2 लाख 60 हजार से ज्यादा हो गई। यानी पिछले हफ्ते के मुकाबले इस बार 1.4 लाख केस बढ़े हैं। हालात को देखते हुए कई शहरों में लॉकडाउन लग गया है तो, कुछ राज्यों ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। जबकि कुछ राज्य सरकारें और एक्सपर्ट अब फिर से लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। नारायण हेल्थ ग्रुप के फाउंडर, चेयरमैन और कॉर्डियक सर्जन डॉक्टर देवी शेट्टी भी कुछ ऐसी ही राय रखते हैं। डॉ शेट्टी के मुताबिक अब जबकि कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन जारी है। तब ज्यादा जोर वैक्सीनेशन पर देना चाहिए, डॉ शेट्टी ने 20 से 45 साल के लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल करने की पैरवी की है।
देश में एक तरफ कोरोना महामारी के खिलाफ युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ राज्यों में हालात खराब है। महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, एमपी और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र के कुछ शहरों में लॉकडाउन की वापसी हुई है तो, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। कोरोना के नए तेवर के बाद एक बार फिर लॉकडाउन लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। हालांकि कई राज्य सरकारें और एक्सपर्ट अब फिर से लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है।
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नारायण हेल्थ ग्रुप के फाउंडर, चेयरमैन और देश के जाने-माने कॉर्डियक सर्जन डॉक्टर देवी शेट्टी का मानना है कि देश को दूसरे लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। देवी शेट्टी के मुताबिक पहले लॉकडाउन इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि डॉक्टरों को कोविड-19 के बारे में जानकारी नहीं थी। देश उस वक्त एक अज्ञात बीमारी से लड़ने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन अब हालात एक साल पहले जैसे नहीं रहे। लाखों संक्रमित मरीजों का इलाज हो चुका है और अब इसके खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन जैसा बड़ा हथियार भी है। ऐसे में महामारी को रोकने बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन करना होगा। डॉक्टर शेट्टी ने 20 से 45 साल के लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने की पैरवी की है, जो वायरस के असली सुपरस्प्रेडर हैं।
बहरहाल देश में अभी वैक्सीनेशन का तीसरा चरण जारी है, जिसमें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लग रहा है। अभी भी सुपर स्प्रेडर यानी कि 20 से 45 साल के लोगों को टीका कब लगेगा ये साफ नहीं है। हालांकि घर से बाहर निकलने वालों में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। लिहाजा अब 20 से 45 एज ग्रुप को वैक्सीनेशन में शामिल करने की मांग जोर-शोर से उठने लगी है और मुमकिन है कि सुपर स्प्रेडर को अगर पहले टीका लगता है तो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया ज्यादा असरकारक साबित होगा।