रायपुर: देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है। ड्रग रेगुलेटर ने जिन दो वैक्सीन को मंजूरी दी है, उसमें सिरम इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार की गई ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित स्वदेशी कोवैक्सीन। लेकिन कोवैक्सीन पर कुछ राज्यों ने सवाल खड़ा करते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ का नाम भी शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफ कर दिया है कि कोवैक्सीन के थर्ड फेज के ट्रायल के रिजल्ट के बाद ही छत्तीसगढ़ में इसे मंजूरी दी जाएगी। मुद्दे को लेकर अब प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी-कांग्रेस में वार-पलटवार हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है। भूपेश सरकार ने कोवैक्सीन के उपयोग पर रोक लगा दी है, जिसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है और कोवैक्सीन को सुरक्षित बताया। वहीं मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय मंत्री के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल का इंतजार किया जाएगा। इसलिए छत्तीसगढ़ में अभी कोवैक्सीन नहीं लगेगी, जिसके बाद विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री पर लगातार हमलावर है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट करते हुए तंज कसा कि टीएस सिंहदेव का IQ वैज्ञानिकों से ज्यादा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट किया कि केंद्र की हर योजना और हर निर्णय में कांग्रेस सरकार अडंगा लगाकर किसे खुश करना चाह रही है। जाहिर है कोवैक्सीन के इस्तेमाल से इनकार के बाद से विपक्ष के निशाने पर हैं स्वास्थ्य मंत्री।
विपक्ष ने सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ हमले किए तो कांग्रेस ने भी मोर्चा संभाला और रमन सिंह के ट्वीट पर पलटवार किया कि डॉक्टर साहब! ट्रायल के वक्त आप कहां थे जब असली “स्वयं सेवकों” की जरूरत थी डॉक्टर होते हुए भी बयानवीर बने रहे यहां “हम दो-हमारे दो” के लिए सबकुछ नहीं चलेगा। कांग्रेस अपने स्वास्थ्य मंत्री के समर्थन में उतर गई है।
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दरअसल छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कोवीशिल्ड और कोवैक्सीन नाम की दवा केंद्र सरकार से भेजी जा रही है। कोविशिल्ड के टीके तो राज्य में लग रहे हैं, लेकिन कोवैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक है। इसकी वजह छग के स्वास्थ्य मंत्री इसके तीसरे फेज के ट्रायल बाकी होने का हवाला दे रही है। बहरहाल कोवैक्सीन का तीसरा ट्रायल 20 फरवरी को होना है। छत्तीसगढ़ में कोवैक्सीन की पौने दो लाख की खुराक पहुंच चुकी है, और ये अभी रखी हुई है। मई तक इसका उपयोग नहीं हुआ, तो ये खराब हो जाएगी। ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है।
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