रायपुरः प्रदेश में वैक्सीन को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले कोवैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल और निर्यात के मुद्दे पर केंद्र और राज्य आमने सामने आ चुके हैं। अब 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने के केंद्र के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नया विवाद खड़ा हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वैक्सीन को खुले बाजार से खरीदने की प्रक्रिया को आपत्तिजनक बताया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें ही वैक्सीन खरीदें. तो उन्हें राज्यों को उतना पैसा भी देना चाहिए, जिसपर बीजेपी ने पलटवार करने में देरी नही की। ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर वैक्सीन खुले बाजार में छोड़ दिया गया, तो क्या वाकई रेमडेसिविर जैसी हालत होगी?
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है। लेकिन केंद्र के इस फैसले पर अब छत्तीसगढ़ में सियासत भी शुरू हो गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र के निर्णय का स्वागत तो किया, लेकिन वैक्सीन की उपलब्धता और इसके बाजार पर टीके का फैसला छोड़ने पर केंद्र सरकार निशाना भी साधा। स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र के फैसले को अदूरदर्शी बताते हुए कहा कि इससे अव्यवस्था और भगदड़ की स्थिति होगी। इधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी केंद्र से सवाल पूछा कि इतने टीके कहां से आएंगे? छत्तीसगढ़ कांग्रेस का कहना हैकि केंद्र सरकार राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध कराए, इसका खर्च भी केंद्र सरकार को ही वहन करना चाहिए।
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स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तीखा पलटवार किया। पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास डीएमएफ, शराब पर सेस और आपदा प्रबंधन मद का पैसा है, जो 3 हजार करोड़ से अधिक की राशि है। ऐसे में राज्य सरकार को अपने संसाधनों से वैक्सीन की व्यवस्था करनी चाहिए।
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वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में टीके की कमी ना हो इसलिए वैक्सीन की खरीदारी के नियमों में ढील दी गई है। इसके तहत वैक्सीन निर्माता कंपनी अब अपनी सप्लाई की कुल क्षमता के 50 फीसदी तक स्टॉक को पहले से घोषित कीमतों पर राज्य सरकारों को खुले बाजार में बेच सकेंगे। बाजार पर टीके का फैसला छोड़ने पर ही छत्तीसगढ़ सरकार ने आपत्ति जताई है। इससे पहले कोवैक्सीन के ट्रायल को लेकर भी केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आमने सामने आ चुके हैं। बहरहाल अभी देश में 45 साल से अधिक उम्र को लोगों को वैक्सीन लग रही है। छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन की बात करें तो कुल 2.99 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में 19 अप्रैल तक करीब 51 लाख लोगों को ये डोज लग चुका है। राज्य में 45 प्लस वाले लोगों की संख्या 58 लाख है। ऐसे में जब 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी टीका लगेगा जिनकी संख्या 1 करोड़ 22 लाख है। इतने बड़े पैमाने पर टीका कहां से आएगा? बड़ा सवाल है क्योंकि वैक्सीन की मांग और आपूर्ति में अंतर लगातार बढ़ रहा है।