कल होगी मोदी कैबिनेट की अहम बैठक, राहत पैकेज सहित कई जरूरी मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

कल होगी मोदी कैबिनेट की अहम बैठक, राहत पैकेज सहित कई जरूरी मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

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  • Publish Date - April 14, 2020 / 07:41 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉक​ डाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसी बीच देश की राजधानी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कल 7, लोक कल्याण मार्ग पर होने वाली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक को लेकर अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉक डाउन बढ़ने के साथ ही राहत पैकेज पर भी विचार किया जा सकता है।

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इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए कहा था कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।

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पीएम मोदी ने कहा कि सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा, यानी 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।

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अगले एक सप्ताह तक बरती जाएगी सख्ती
पीएम मोदी ने कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा।

20 अप्रैल बाद कुछ मामलों में छूट संभव
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

दिहाड़ी मजदूर के लोग मेरे अपने
पीएम मोदी ने कहा कि जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।

कोरोना के खिलाफ बेहतर मेडीकल सुविधाएं
पीएम मोदी कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है उसने दुनियाभर में सरकारों और हेल्थ विशेषज्ञों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजयी कैसे हों, हमारा नुकसान कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो, इन बातों को लेकर राज्यों के सात मैंने निरंतर चर्चाएं की हैं। सबका यही सुझाव यही आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्यों ने पहले ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्हा कि वैसे यह ऐसा संकट है, जिसमें किसी भी देश के साथ उचित नहीं है। मगर फिर भी कुछ सच्चाइयों को नकार नहीं सकते। ये भी एक सच्चाई है कि दुनिया के सामर्थ्यवान देशों की तुलना करें तो भारत आज बहुत ही संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक तरह से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के केस 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने सही एप्रोच नहीं दिखाया होता और सही फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोगड़ें खड़े हो जाते हैं। बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है।

उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का लाभ देश को मिला है। सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, मगर भारतवासी की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनियाभर में हो रही है।

सरकारी विभागों में शीर्ष स्तर पर शुरू हो चुके कामकाज को इसी दिशा में उठाया कदम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, आवश्यक सेवाएं और कृषि संबंधी गतिविधियां अभी लॉकडाउन के दायरे में नहीं हैं। इन सेवाओं में कुछ और कार्य शामिल हो सकते हैं। साथ ही कई सरकारी सेवाएं ऑनलाइन शुरू की जा सकती हैं।

अब तक लॉकडाउन के कारण घर से काम कर रहे केंद्रीय मंत्रियों और अफसर सोमवार से दफ्तर पहुंचने लगे हैं। इनमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रसायन व उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, खेल मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई नाम शामिल हैं।

बता दें कि पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल कोरोना लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला लागू कर चुके हैं। इसके अलावा आठ राज्यों में इसके लिए पूरी तैयारी चल रही है।

भारत में 14 अप्रैल में कोरोना की स्थिति
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला लगातार बढ़ रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में 1211 मामले सामने आने के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10363 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई है, जिससे कोविड-19 महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 339 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 10363 मामलों में से 8988 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 1035 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 160 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 2711 हो गई है।

प्रधानमंत्री ने दी इन स्थानों में राहत
उद्योग जहां सामाजिक दूरी बनाकर काम करने, कार्मिकों के लिए परिवहन या आवासीय सुविधा है, उन्हें संचालन की मंजूरी के आसार। ई-कॉमर्स ई-कॉमर्स के जरिये आपूर्ति के अलावा जरूरी सेवाओं में अस्पताल सेवाएं,स्टेशनरी, गारमेंट, इलेक्ट्रिकल आदि दुकानें शामिल होंगी। आबकारी कई राज्यों ने आबकारी सेवा को भी लॉकडाउन से बाहर रखने की मांग रखी है। इस पर कोई ऐलान हो सकता है।-परिवहन रेल, विमान व बस सेवा तुरंत शुरू होने के आसार नहीं। बाद में कुछ रूटपर ट्रेन सेवा संभव। जहां संक्रमण नहीं वहां बसें चलेंगी।बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज खत्म हो रही है।