पत्थलगांव। प्याज के भावों में भले ही लगातार तेजी का रूख होने से दाम सौ रूपये के पार पहुंच गए हैं। लेकिन टमाटर के भाव में लगातार गिरावट से किसान को उसकी उपज का दाम नहीं मिल रहा है। अधिक मात्रा में उपज लेने वाले पत्थलगांव क्षेत्र में सौ से अधिक गांव के किसानों को मायूस हो गए है।
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दरअसल एक सप्ताह पहले तक 40, 50 रूपये के भाव से टमाटर बेचने वाले किसानों को अब महज 10 रू.प्रति किलों की दर पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। ऐसे में अब किसानों को उनकी मेहतन का दाम नहीं मिलने से मायूस हो गए है।
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पत्थलगांव की बड़ी सब्जी मंडी में इन दिनों टमाटर की आवक तो बढ़ गई है, पर बाहर के थोक खरीददार यंहा नहीं आने से किसानों को शाम तक अपनी उपज बिकने का इंतजार करना पड रहा है। किसानों का कहना है कि खेतों से टमाटर की फसल लाकर मंडी से वापस ले जाना संभव ही नहीं है। इसलिए स्थानीय खरीददारों की मर्जी पर टमाटर की उपज पानी के मोल बेचनी पड़ रही है।
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टमाटर के व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और बैंगलुरू से टमाटर की फसल कम दाम पर आ जाने के बाद पत्थलगांव से टमाटर ले जाने में परिवहन खर्च अधिक देना पड़ रहा है। इसी वजह पत्थलगांव मंडी में टमाटर के भाव में लगातार मंदी का रूख बन गया है।
यह विडम्बना ही है कि छत्तीसगढ़ में टमाटर की अधिक पैदावार लेने वाले के लिए अपनी अलग पहचान बना चुके पत्थलगांव क्षेत्र के किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए जिम्मेदार जनप्रतिनिधि प्रति वर्ष आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
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