रायपुर: खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राज्य के सभी संभागायुक्तों, सभी कलेक्टरों, समस्त पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों और सभी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए निर्देशों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि धान बेचने में किसानों को किसी तरह की परेशानी नही होनी चाहिये।
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अपर मुख्य सचिवों ने राज्य के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि एक दिसम्बर से राज्य में धान खरीदी शुरू होगी। राज्य में धान खरीदी का कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्राथमिकता है। धान खरीदी में राज्य के किसी भी समिति में किसानों को परेशानी नही होनी चाहिए। धान खरीदी के लिए टोकन अधिकतम एक सप्ताह के अवधि तक के लिए दिए जाएंगे। किसानों को जारी टोकन में उल्लेखित तारीख तक किसी कारणवश यदि कोई किसान धान नही बेच पाता है तो उन्हें पुनः नया टोकन जारी किया जाएगा।
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राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में गतवर्ष से 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई हैै। राज्य में गिरदावरी के पश्चात प्रविष्टि का कार्य 10 नवम्बर को समाप्त हो चुका है। गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नही है। एक दिसम्बर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नही किया जाएगा। यदि रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो उसे 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए। एक दिसम्बर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा। गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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धान खरीदी के लिए आवश्यक बारदाने की व्यवस्था खरीदी के पूर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। पीडीएस सिस्टम एवं मिलरों से प्राप्त बारदानों का भौतिक सत्यापन करा लें और बारदाने एकत्रित कर खरीदी केन्द्रों में समय पूर्व उपलब्ध कराया जाएं। बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी जा रही है। इस प्लास्टिक के बारदाने का उपयोग केवल धान खरीदी करके सबसे पहले सीधे मिलरों के पास भेजने के लिए किया जाएगा। प्लास्टिक बैग का उपयोग चावल रखने के लिए नही किया जाएगा।
धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा बढ़ने से किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं। इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य खरीदी शुरू होने से पूर्व पूरा कर ऑनलाईन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए। राज्य के खरीदी केन्द्रों मंे दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है। जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं, वे 30 नवम्बर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं।
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राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति के अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौपी गई है। कोचियों द्वारा अन्य सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर यहां बेचा जाता है। इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों के सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखें। चेक पोस्ट लगाकर जांच करें। चार पहिया वाहनों के अलावा मोटर सायकल पर बार-बार धान लाने वालों की भी जांच करें। अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करें और सचिव खाद्य विभाग को इसकी सूचना दे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के भीतर एक-दूसरे जिलों से धान लाने ले जाने वाले किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान नही करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव प्रसन्ना आर, विशेष सचिव खाद्य मनोज कुमार सोनी, मार्कफेड के एमडी अंकित आनंद, एमडी मंडी बोर्ड हिम शिखर गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।