शिवपुरी: करैरा का वो डकैत जिसके नाम से हर कोई खौफ खाता था, लेकिन आज उस डकैत चंदन गड़रिया का कोई भी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने को तैयार नहीं है। गड़रिया गिरोह के सदस्य रहे चंदन गड़रिया के एनकाउंटर के बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र तीन पंचायतों की सीमाओं में उलझा हुआ है। वजह ये है कि कोई भी पंचायत डकैत के नाम को अपने यहां जोड़ना नहीं चाहती। अब विधवा पेंशन जैसी योजना लाभ लेने के लिए डकैत की पत्नी गीता पाल 5 साल से भटक रही है।
बता दें कि पुलिस ने जनवरी 2016 में 30 हजार के इनामी डकैत चंदन गड़रिया को केनवाया के जंगलों में एनकाउंटर में मार गिराया था। चंदन करैरा तहसील के मामौनी गांव का रहने वाला था, यहां गीता पाल मृत्यु प्रमात्र पत्र के लिए पहुंची तो कहा गया कि जिस जगह मौत हुई है प्रमाण पत्र भी वहीं बनेगा। जब वह केनवाया पंचायत पहुंची तो यहां पर सीमाओं का पेंच उलझ गया, यहां कहा गया कि एनकाउंटर केनवाया और लोटना के बीच हुआ है। लेकिन जब लोटना गए तो चंदावनी से प्रमाण पत्र बनवाने का कह दिया। जब चंदावनी पहुंचे तो यहां से नावली पंचायत भेज दिया। नावली पंचायत ने भी प्रमाण पत्र देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि जिस जगह एनकाउंटर हुआ वो उनकी पंचायती की सीमा में नहीं है।