ऑक्सीजन पर जंग जारी… आपूर्ति पूरा करने प्रशासन लगा रहा एड़ी-चोटी का जोर…कितनी सफलता मिलती है, ये तो वक्त बताएगा?

ऑक्सीजन पर जंग जारी... आपूर्ति पूरा करने प्रशासन लगा रहा एड़ी-चोटी का जोर...कितनी सफलता मिलती है, ये तो वक्त बताएगा?

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  • Publish Date - April 24, 2021 / 06:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

भोपालः मध्य प्रदेश में अब जीवन रक्षक दवाओं के साथ-साथ ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गयी है। हालत ये है कि कई बड़े शहरों के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में मरीजों को जबरन डिस्चार्ज कर रहे है। शनिवार की देर रात जयारोग्य अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन खत्म होने से भगदड़ में दो मरीजों की शिफ्टिंग के दौरान मौत हो गई है। हालांकि अब सरकार से लेकर प्रशासनिक अफसर ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। लेकिन उसमें कितनी सफलता मिलती है, ये तो वक्त बताएगा?

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तस्वीर ग्वालियर से 25 किलोमीटर दूर मालनपुर की सूर्या फैक्ट्री की है जहां उर्जा मंत्री फैक्ट्री मालिक को दंडवत प्रणाम करके उनसे ऑक्सीजन की मांग की। दरअसल ये तस्वीर जमीनी स्तर पर तब बदल जाती है जब अपनों को बचाने के लिए लोग अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाते हैं। ऐसा ही हादसा शुक्रवार की देर रात ग्वालियर के सबसे जयारोग अस्पताल में हुआ जहां ऑक्सीजन खत्म होने के बाद 2 लोगो की मौत हो गई। सिर्फ इतना ही नहीं एक एक करके ग्वालियर के सात अस्पतालों में भी ऑक्सीजन खत्म हो गई। हालात ये बने कि लोग अपने मरीजों को वेंटिलेटर, स्ट्रेचर, व्हील चेयर पर लेकर भागने लगे।

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खराब हालात यही नहीं थमे शनिवार सुबह लोटस अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई जिससे नाराज लोगों ने चक्काजाम कर दिया। जाहिर है सिंधिया के गढ़ में मचे इस हाहाकार पर राजनीति कैसे न होती। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि अब ग्वालियर में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबर? शिवराज जी आप कई दिन से कह रहे है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, बेड की कमी नहीं, इंजेक्शन की कमी नहीं तो फिर रोज ये मौतें ? आज भी प्रदेश भर में लोग ऑक्सीजन, बेड, इलाज, जीवन रक्षक दवाइयों के लिये दर-दर क्यों भटक रहे है ? अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से मरीजों को भर्ती नहीं करने का बोर्ड क्यों लगा रहे है ? प्रदेश भर के अस्पतालो में ऑक्सीजन का रोज संकट बना रहता है, मरीजों के परिजनो की ऑक्सीजन के इंतजार में साँसे फूलती रहती है। आप और आपके जिम्मेदार रोज पल्ला झाड़ लेते है कि कोई कमी नहीं है ? देश की जनता खुली आँखो से आपकी सरकार में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर रोज देख रही है, अपनो को खोते हुए भी रोज देख रही है और यह समझ चुकी है कि पिछले एक वर्ष में आपने प्रदेश को कहा लाकर खड़ा कर दिया ? आपकी सरकार की लापरवाही, नाकारापन की सजा आज पूरा प्रदेश भुगत रहा है। लोगों की नाराजगी की एक बड़ी वजह ये भी है कि ग्वालियर चंबल अंचल से 9 मंत्री शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्य है और आम जनता परेशान है।

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प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी अब एक सियासी मुद्दा बन चुकी है। कांग्रेस जहां शहडोल, भोपाल, जबलपुर में हुई घटनाओं के जरिए नौकरशाही पर सवाल खड़े कर रही है वहीं बीजेपी की तरफ से हर स्तर पर पर हालात सुधारने का दावा किया जा रहा है। शुक्रवार और शनिवार को विमान के जरिए दो बड़े टैंकर्स को जामनगर पहुंचाया गया जहां से वो जल्द ही ऑक्सीजन लेकर निकलेंगे। मुख्यमंत्री से चर्चा में गृह मंत्री ने ऑक्सीजन टैंकर के परिवहन में गृह मंत्रालय का पूरा सहयोग देने का वादा किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीना में बन रहे 1000 बिस्तर के अस्थाई अस्पताल के निर्माण में डीआडीओ से मदद देने का भरोसा भी सीएम को दिया। इस अस्पताल के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई बीना रिफाईनरी से की जाएगी। इसके अलावा ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए इंदौर जामनगर एयर रुट के बाद अब ग्वालियर रांची और भोपाल रांची ऑक्सीजन एयर रुट भी शुरु किया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भोपाल के लिए ऑक्सीजन ट्रेन देने की बात भी कही , ये ट्रेन बोकारो से रांची होते हुए भोपाल आएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेल से ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने को लेकर भी सीएम ने चर्चा की। जाहिर तौर पर सरकार अब अगले कुछ दिनों की स्थिति को ध्यान में रखकर प्लानिंग कर रही है।

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इस बीच सरकार की योजना नए कोविड सेंटर तैयार करने के साथ-साथ वहां ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने, रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने और वैक्सीनेशन में तेजी लाने की है ताकि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को काबू में किया जा सके। 

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