भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना लगातार बेकाबू हो रहा है। हालात को देखते हुए शिवराज सरकार तमाम उपाय कर रही है। ना केवल सख्त फैसले लिए जा रहे हैं, बल्कि जनजागरूकता और जनचेतना के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में भोपाल के मिंटो हॉल में सीएम शिवराज 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे हैं। हालांकि विपक्ष ने इसे शिवराज सरकार की मुद्दों से ध्यान मोड़ने वाली नौटंकी करार दिया। ऐसे में सवाल है कि कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य आग्रह कितना असरकारक साबित होगा?
रोज की तरह पौधारोपण से दिन की शुरुआत करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीजेपी दफ्तर पहुंचे, जहां बीजेपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने मॉस्क वितरण किया। दूसरी तस्वीर आप मिंटो हॉल की देख रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री कोरोना से लड़ाई के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य आग्रह करने के लिए बैठे हैं। दोपहर 12.30 मुख्यमंत्री मिंटो हॉल पहुंचे और अगले 24 घंटे तक वो यहीं रहेंगे और यहीं से उन्होंने वर्चुअली कैबिनेट बैठक भी ली। इससे पहले सुबह बीजेपी दफ्तर में स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से वालेंटियर बनने की अपील की ताकि लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके।
मिंटो हॉल में स्वास्थ्य आग्रह की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है और ये सरकार के प्रयासों से नियंत्रण में नहीं आ सकती है। सरकार कोरोना का टीकाकरण और ट्रीटमेंट कर सकती है। मौजूदा हालात को देखे तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार अस्पतालों में बिस्तर के इंतजाम तो कर रही है, लेकिन लोगों को जागरुक रहने की जरुरत है। संक्रमण को लॉकडाउन से रोका जा सकता है, लेकिन ये लोगों का रोजगार छीन लेगा इसलिए मैं इस तरीके को सही नहीं मानता। सीमित लॉक लॉक डाउन ठीक है। संक्रमण रोकने का दूसरा तरीका है हम मास्क लगाएं और सुरक्षित दूरी, बार-बार हाथ धोते रहें।
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हालांकि पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के स्वास्थ्य आग्रह को नौटंकी और राजनीति करार दिया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनौतियों का सामना करने के बजाए असल मुद्दों से ध्यान मोड़ने के लिए उपवास औऱ सत्याग्रह की नौटंकी कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि शिवराज जी को खुले आसमान में दरबार लगाने के बजाए महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे प्रायश्चित करना चाहिए, जिस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया।
कांग्रेस नेताओं के तेवर भले ही तीखे हों लेकिन, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के मौजूदा हालात से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी सुझाव मांगे थे, जिस पर कमलनाथ ने उम्र का बंधन खत्म करके सभी को निशुल्क वैक्सीन लगाने वैक्सीन की उपलब्धता और भंडारण को सुनिश्चित करने, कोरोना की जांच के लिए रैपिड टेस्ट की स्पीड बढ़ाने, मुफ्त टेस्टिंग करने, निजी अस्पतालों में टेस्ट के रेट कम करने, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड बड़ाने, बंद हो चुके ऑक्सीजन प्लांट को शुरु करने, गरीब, मजदूर, छोटे दुकानदारों को तत्काल राहत पहुंचाने का सुझाव दिया। जाहिर तौर पर कोरोना से हालात बिगड़ रहे हैं और हम उम्मीद कर सकते हैं कि सभी के सुझावों से कुछ ऐसा रास्ता निकले की मध्यप्रदेश में हालात नियंत्रण में आएं।
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