कोण्डागांव। शिक्षक को राष्ट्र का निर्माता कहा जाता है, शिक्षक ज्ञान देने के साथ समाज के पथ प्रदर्शक भी होते हैं। भले यह कहावत आज के दौर में ज्यादातर शिक्षकों पर खरी नहीं उतरे, लेकिन कोण्डागांव जिले में चिचाड़ी गांव के शिक्षक श्रवण कुमार वर्मा ऐसे हैं जो रिटायर होने के बाद भी गुरु-शिष्य की परंपरा बनाए हुए हैं। रिटायर होने के बाद भी उसी शाला में नियमित शिक्षा देकर बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं।
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सरकारी दस्तावेजों में 31 अप्रैल 2019 को रिटायर हो चुके शिक्षक श्रवण कुमार शिक्षा देने में आज तक अपने आपको रिटायर्ड नहीं माना है।
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शिक्षक श्रवण कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूल में ज्यादातर गरीब घर के बच्चे पढ़ते हैं। रिटायर होने के बाद खाली समय अच्छे काम में लगाने के यह रास्ता चुना।