अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुनने के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, प्रदेश सरकार ने किया है अधिनियम में संशोधन

अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुनने के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, प्रदेश सरकार ने किया है अधिनियम में संशोधन

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  • Publish Date - February 18, 2020 / 07:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

जबलपुर । मध्यप्रदेश सरकार के पार्षदों के द्वारा महापौर चुनने के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता डा पीजी नाजपांडे ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश की है।

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प्रदेश सरकार ने अधिनियम में संशोधन कर पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार दिया है ।इस संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
बता दें कि वर्ष 1997 से जनता के माध्यम से महापौर का चुनाव हो रहा है।

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प्रदेश सरकार ने अधिनियम में संशोधन कर पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार दिया है । इस संशोधन को पूर्व में हाईकोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है । हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरुद्ध ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता डा पीजी नाजपांडे ने ये याचिका दायर की है।