भोपाल: लंबे इतेजार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के अभ्यारण्यों में अफ्रीकी चीते लाने की अनुमति दे दी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को यह भी निर्देश दिए हैं कि अफ्रीका से लाए जाने वाले चीतों को उन स्थानों पर रखा जाए, जहां उनके लिए वातावरण अनुकूल रहे। ताकि चितों की जान को खतरा न रहे और वे भारत अभ्यारण्यों के वातावरण में आसानी से ढल सकें। ज्ञात हो कि अफ्रीकी चीते के लिए सरकार ने देश में तीन स्थानों को चिन्हांकित किया था।
मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने मध्यप्रदेश के कूनो-पालपुर और नौरादेही सेंक्चुरी को आफ्रिकी चितों के लिए अनुकूल पाया है और इन्हीं दो स्थानों को चिन्हांकित किया गया था। वहीं, राजस्थान के एक अभ्यारण्य को भी आफ्रिकी चितों के लिए चिन्हांकित किया गया था। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगर सरकार पूर्व में चिन्हांकित किए अभ्यारण्यों को अनुमति देती है तो मध्यप्रदेश और राजस्थान के अभ्यारण्यों में अफ्रीकी चीते लाए जा सकते हैं। इन सभी अभ्यारण्यों का वातावरण अफ्रीकी चीतों के लिए अनुकूल माहाैल तैयार किया जा चुका है।
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दरअसल बीते दिनों राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि दुर्लभ भारतीय चीता विलुप्त होने के कगार पर है। हालात को देखते हुए नामीबिया से अफ्रीकी चीता लाने की अनुमति दिया जाए।