सुकमा: प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता को लेकर लगातार सवालिया निशान लगते आए हैं। वहीं, प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों में सुविधाओं के आभाव के चलते या तो कुछ बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंच पाते या शिक्षकों की कमी के चलते उन्हें उच्च स्तरीय शिक्षा नहीं मिल पाती। इसी बीच सुकमा जिला कलेक्टर चंदन कुमार ने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए अनोखी पहल की है। कलेक्टर चंदन कुमार ने जिले शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में चंदन कुमार ने प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर बच्चों का वीकली टेस्ट लेने का निर्देश दिया है।
Read More: डिप्टी कलेक्टर को फोन पर धमकी, पुलिस जांच में जुटी
कलेक्टर ने जिले के सभी हायर सेकंडरी और हाईस्कूल के प्राचार्यों से एक-एक करके अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के परीक्षा फल के विस्तृत जानकारी प्राप्त की। सबसे पहले कलेक्टर चंदन कुमार ने कक्षा दसवीं की परीक्षाफल की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कक्षा बारहवीं की परीक्षाफल की संकायवार विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्राचार्यों से अच्छे परिणाम लाने के लिए स्कूल में किए जा रहे विशेष प्रयासों की जानकारी ली। खराब परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यों पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की । उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में लापरवाही बरतने पर शाला प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी।
Read More: मंगाए हॉस्पिटल के उपकरण मिला कबाड़, पीड़ितों ने दर्ज कराया 55 लाख की धोखाधड़ी का मामला
कलेक्टर चंदन कुमार ने कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा में अच्छे परिणाम लाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों की नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि प्रथम, द्वितीय आने वाले बच्चों के नाम स्कूल में प्रदर्शित करना चाहिए इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। परीक्षा परिणाम पालकों और बच्चों को दिखाया जाना चाहिए। साथ ही स्कूल में चस्पा किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राचार्यों से पालक शिक्षक समिति के बैठक की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने एक ही विषय के दो या दो से अधिक टीचरों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।
Read More: कैफे में बैंक कर्मी के साथ मारपीट मामला, दो आरोपी गिरफ्तार
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पिछले 5 सालों के प्रश्नपत्रों को हल करवाने का अभ्यास कराना चाहिए जिससे बच्चे समय प्रबंधन, लिखने की शैली आदि सीखेंगे जो उन्हें बोर्ड परीक्षा में सहायता प्राप्त करेंगी। कलेक्टर ने साप्ताहिक टेस्ट लेने पर जोर भी दिया। कलेक्टर ने प्राचार्यों को स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति के कारण पता लगाकर उनके शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।कलेक्टर ने प्राचार्यों से कहा कि वे लापरवाह टीचरों पर कार्रवाई करें साथ ही अपने विद्यालय में समुचित अनुशासन बनाए रखें। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को खराब परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक श्याम सुंदर चैहान, विकास खंड शिक्षा अधिकारी, हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल के प्राचार्य उपस्थित थे।
Read More: एटीएम की क्लोनिंग कर उड़ा देते थे रकम, CBI का कॉन्स्टेबल भी था गिरोह में शामिल