भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक हो चुकी है, रोजाना आने वाले नए आंकड़े डराने लगे हैं। राजधानी भोपाल और इंदौर में बेलगाम होते कोरोना से लोग सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसी बीच ऑक्सीजन की कमी और कोविड मरीजों को लगने वाला इंजेक्शन रेमडेसिविर की कमी ने लोगों को रुला दिया है, जिसे लेकर अब सियासत भी हो गई है। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में ना तो इंजेक्शन है, ना ही आक्सीजन। ऐसे में मरीजों के परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
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ये घटना मिनी मुंबई के नाम पर इठलाने वाले इंदौर की है, जहां अपनों को बचाने के लिए लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए घंटो से लाईन में लगे हैं। इन्हें न संक्रमण की फिक्र है न कोरोना गाइड लाईन की और आखिर हो भी कैसे जब दांव पर किसी अपने की जिंदगी हो, लेकिन उन्हें सुनिए जिनपर जिम्मेदारी है कि ये हालात न बने।
इंदौर मे इस वक्त करीब 6000 एक्टिव केस हैं, जिसके अनुपात में रेमडेसिविर इंजेक्शन काफी कम उपलब्ध है। चार कंपनियां इस तरह के इंजेक्शन बनाती है, जिसमें सबसे महंगा इंजेक्शन 4500 रुपए का है। जबसे सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के दाम 2500 तय किए हैं, महंगे इंजेक्शन की बिक्री बंद हो गई है और सस्ते की डिमांड बढ़ गई है जो पूरी नहीं हो पा रही। इसके अलावा जिन अस्पतालों के पास ये इंजेक्शन है वो अपने मरीजों के कारण इसे दूसरे अस्पतालों को सप्लाई नहीं कर रहे हैं। आसपास के जिलों से आ रहे मरीजों के कारण भी इंजेक्शन की उपलब्धता पर अस पड़ा है। वैसे जानकारों की माने तो रेमडेसिविर की जरुरत उन्हीं मरीजों को है, जिनमें इन्फेक्शन 25 फीसदी से ज्यादा हो।
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रेमडेसिविर की हालत आपके सामने है लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हालात चिंताजनक बने हुए हैं। कोरोना काल में प्रदेश में रोज करीब 150 टन ऑक्सीजन सप्लाई जरुरी है। जबकि उपलब्धता 140 से 160 टन के बीच है यानि हालात आज तकलीफ तो नहीं लेकिन कल की गारंटी भी नहीं वाले बने हुए हैं और अब कांग्रेस इन तमाम मुद्दो के जरिए सरकार को घेरने में लगी है।
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मौजूदा हालात और तमाम सियासत के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी ताकत के साथ हालात काबू करने में लगे हैं। उन्होंने न सिर्फ आला अधिकारियों के साथ बैठक की बल्कि कई अहम निर्देश भी जारी किए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई का कोई संकट नहीं है और यथासंभव व्यवस्था बनाई जाएगी। सीएम ने गुजरात सरकार से बात कर सप्लाई जारी रखने के साथ साथ भिलाई से अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलना भी सुनिश्चित किया। हालात संभालने के लिए सीएम ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से चर्चा करके ऑक्सीजन सप्लाई में कोई कमी न हो इस पर भी चर्चा की। कोरोना को लेकर मुख्यमत्री हर जिले के कलेक्टर और एसपी से भी लगातार अपडेट ले रहे हैं।
कोरोना की बेलगाम रफ्तार को रोकने शनिवार और रविवार को पूरे प्रदेश में लॉकडाउन है इसके अलावा कई शहरों में सात से 9 दिन का लॉकडाउन रहेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि न सिर्फ कोरोना संक्रमण पर लगाम लगेगी बल्कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आएगी जिसका सीधा असर रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई पर देखने को मिलेगा और हालात नियंत्रण में रहेंगे।