भोपाल: हनी ट्रैप मामले को लेकर डीजीपी वीके सिंह और स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा बीच उपजा विवाद अब गहराने लगा है। मामले में सरकार ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा को साइबर सेल से हटा दिया है। साथ ही शैलेंद्र श्रीवास्तव को परिवहन आयुक्त के पद से हटा कर व्ही मधु कुमार को परिवहन आयुक्त बनाया गया है।
गौरतलब है कि हनी ट्रैप स्कैंडल में डीजीपी और स्पेशल डीजी में टकराव की जानकारी मिलने के बाद सीएम कमलनाथ ने दोनों अधिकारियों को तबल किया था। मामले में दोनों अधिकारियों ने सीएम कमलनाथ के सामने अपनी सफाई प्रस्तूत की। वहीं, मुख्य सचिव एस आर मोहंती भी सीएम हाउस पहुंचे थे, मामले में गठित एसआईअी चीफ संजीव शमी भी सीएम हाउस में रिपोर्ट दी।
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गौरतलब है कि राज्य में विशेष डीजी (एसटीएफ और साइबर सेल) पुरुषोत्तम शर्मा ने खुलकर मांग की है कि एसआईटी की निगरानी एक डीजी-रैंक का अधिकारी जो पुलिस मुख्यालय के बाहर का हो उसे करना चाहिए। पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा, “ये मेरा व्यक्तिगत मत है कि एसआईटी का गठन लगातार विवादों में रहा। पहले इसका नेतृत्व आईजी-सीआईडी कर रहे थे, फिर एडीजे- रैंक के अधिकारी को इसका प्रमुख बनाया गया और बाद में इसके सदस्यों को भी बदल दिया गया। इसके बाद, साइबर सेल के गेस्ट हाउस को हनी ट्रैप से लिंक किया गया।
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पूरे विवाद के बाद मेरा मत है कि पुलिस महानिदेशक की छवि विवादों में आ जाती है। मेरे मत के अनुसार अब एसआईटी का पर्यवेक्षण किसी अन्य डीजी रैंक के अधिकारी को जो पुलिस मुख्यालय के बाहर हो करना न्याय के लिये सुसंगत होगा। दूसरी बात, मैं व्यक्तिगत रूप से यह भी मानता हूं कि साइबर सेल और एसटीएफ के सारे काम बहुत संवेदनशील होते हैं, जिसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है ऐसे में इससे जुड़े लोग विशेष कार्यों के दौरान कहां रहते हैं उसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव गंभीर हो सकते हैं। संभव है कि उनके जीवन को भी ख़तरा हो।”
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