जनता को थप्पड़…क्या यही है लोक सेवा…क्या नौकरशाहों को लोकतंत्र की मर्यादा याद नहीं? 

जनता को थप्पड़...क्या यही है लोक सेवा...क्या नौकरशाहों को लोकतंत्र की मर्यादा याद नहीं? 

  •  
  • Publish Date - May 24, 2021 / 06:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

रायपुर: मर्यादा भूलते नौकरशाह…जिनपर जिम्मेदारी है संविधान के दायरे में प्रोटोकॉल के नियमों का पालन कराने की। जिनका दायित्व है लोगों को शांत रखकर व्यवस्था बनाने की वो खुद नियम-कायदे-मर्यादा भूलकर बार-बार अपनी लक्ष्मण रेखा लांघ रहे हैं। हाल के दिनों में मध्यप्रदेश हो या छत्तीसगढ़, कुछ नौकरशाहों का बर्ताव सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर अफसरों के एक नहीं कई वीडियो-ऑडियो वायरल हो रहे हैं, जिसे लेकर पूरी व्यस्था सवालों के घेरे में पड़ रही है। आखिर क्या वजह है…ऐसे कौन से प्रेशर हैं…ऐसी क्या समस्या है, जो उन्हें यूं सार्वजनिक तौर पर एक्सपोज कर रही है? और क्या उनका इलाज सिर्फ और सिर्फ सख्त कार्रवाई है? 

Read More: रहे हालात, आज 60 संक्रमितों की मौत, 4 हजार 209 नए संक्रमितों की पुष्टि

सूरजपुर के पूर्व कलेक्टर रणबीर शर्मा, इन्हें सिंघम बनने का ऐसा शौक चढ़ा कि इन्हें ना तो लोकतंत्र की मर्यादा याद रही और ना ही अपने पद की गरिमा। जनसेवक बनकर ड्यूटी करने के बजाए साहब ने सारी हदें पार कर दी। अस्पताल से लौट रहे एक युवक को कलेक्टर रणबीर शर्मा ने रोका, फिर बाहर घूमने का कारण पूछकर पहले उसका मोबाइल तोड़ा और युवक को थप्पड़ जड़ दिया। इतने से भी मन नहीं भरा तो उन्होंने युवक को पुलिस से भी पिटवाया। लेकिन वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल के बाद जब कलेक्टर की चौतरफा निंदा हुई, तो डैमेज कंट्रोल के लिए घटना के लिए माफी मांग ली।

Read More: CM भूपेश बघेल ने झीरम घाटी के शहीदों को किया नमन, प्रदेश में 25 मई को मनाया जाएगा ‘झीरम श्रद्धांजलि दिवस’

लेकिन ये थप्पड़ काफी भारी पड़ गया। इस कांड की गूंज इतनी दूर तक सुनाई दी कि खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरकत को दुखद और निंदनीय बताते हुए रणबीर शर्मा को हटाने का निर्देश दिया। हालांकि पीड़ित युवक साहिल गुप्ता का परिवार रणबीर शर्मा पर कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, वो कलेक्टर पर FIR करने की मांग कर रहे हैं। वैसे, कलेक्टर साहब अकेले नहीं हैं। सूरजपुर के SDM प्रकाश राजपूत और टीआई बसंत खलखों की दादागीरी भी सोशल मीडिया पर सुर्खियां बन गई। टीआई को तो हटा दिया, लेकिन अब भी SDM पर कार्रवाई का इंतजार है। अब इन मामलों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है।

Read More: महिला ने  एडल्ट फेस्टिवल में लिया हिस्सा, कहा- 150 अजनबियों के साथ समय बिताने के बाद बदल गई जिंदगी

इधर, भाटापारा के व्यापारियों ने नगरपालिका CMO पर कार्रवाई के नाम पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए। SDM से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की।  

Read More: लॉकडाउन में छूट, दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में हुआ बदलाव, शराब दुकानों को लेकर जारी किया ये निर्देश

वैसे, कोविड काल में अकेले छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि एमपी में भी कुछ अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठे। शाजापुर की ADM मंजूषा राय का एक दुकानदार को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आया। युवक की गलती ये थी कि उसने कोरोना कर्फ्यू में दुकान खोला और अफसर से झूठ बोला। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मामले में कलेक्टर को जांच के आदेश दिए। कांग्रेस ने घटना के बहाने राज्य सरकार को जमकर घेरा। 

Read More: प्रदेश में आज 2 हजार 936 कोरोना मरीज मिले, मौतों की संख्या में भी आई कमी

इन खबरों के साथ ही खंडवा कलेक्टर का एक कथित ऑडियो भी वायरल है। कथित ऑडियो क्लिप में खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी, कोरोना वॉरियर्स को पत्रकार को धमका रहे हैं। हालांकि IBC24 इसकी पुष्टि नहीं करता।

Read More: जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ होगा विलय, RBI ने जारी किए दिशानिर्देश जारी

मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर का हो या फिर मध्यप्रदेश के शाजापुर का। इन लोकसेवकों ने लोगों की सेवा की नियमों के पालन की मर्यादा में रहकर काम करने की शपथ ली है। फिर वो ऐसे आपा क्यों खो रहे हैं। सवाल ये है कि क्या नौकरशाहों को लोकतंत्र की मर्यादा याद नहीं? क्या लोक सेवक देश के कानून से ऊपर हैं? अफसरों को थप्पड़ मारने का अधिकार किसने दिया? लोकसेवकों का जनता के प्रति ऐसा बर्ताव कितना सही? अफसरों के दादागीरी के लिए दोषी कौन? लोक सेवक क्यों पार कर रहे लक्ष्मण रेखा? संविधान की सीख क्यों भूल रहे नौकरशाह? 

Read More: बिहार में लॉकडाउन की अवधि एक जून तक बढ़ाई गयी

माना की कोविड काल में अफसरों पर भी तमाम तरह के प्रेशर हैं लेकिन फिर भी उनका यूं आपा खोना सवाल उठाता है। जब वो अधिकारों के बाद भी ऐसा बर्ताव कर रहे हैं तो फिर वो आम लोग जो बंधनों के बीच अपनी-अपनी परेशानियों से जूझ रहे हैं वो किससे उम्मीद रखेगा। जनसेवा की धैर्य की समाधान की।

Read More: सीसीआरएएस ‘कृष्णपटनम दवा’ का व्यापक परीक्षण कर रही है