रायपुर। किन्नर शब्द सुनते ही आपके जेहन में चौक चौराहे पर, किसी ट्रेन में या घरों में पैसे मांगते लोगों की तस्वीर उभरती है। सालों से आपके मन पर छपी यह तस्वीरें अब बदलने वाली है। वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी में गरिमा गृह बनाया गया है, जो किन्नर समाज के लिए बनाया गया छत्तीसगढ़ का पहला समुदायिक भवन हैं। एक अप्रैल से शुरू हुए इस भवन को अब तक 25 से अधिक किन्नरों ने अपना बसेरा बना लिया है। यहां पर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ और ओडिशा से भी किन्नर आकर रह रही हैं।
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पहले सड़कों पर, ट्रेनों में या बस्तियों में भीख मांगने वाले ये किन्नर अब अपनी आंखों में कई नए अरमानों को संवारें हुए यहां रह रहे हैं। यहां रहने वाली कुछ किन्नर कॉम्पटिटिव एग्जाम्स की तैयारी कर रही हैं तो कुछ मॉडल बनने की। कुछ मेकअप आर्टिस्ट भी बनना चाहती हैं। सबके अलग-अलग ख़्वाब हैं, जिन्हें पूरा करने में गरिमा गृह मददगार साबित हो रहा है।
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जिन लोगों को उन्हीं के घर वालों ने स्वीकार नहीं किया अब गरिमा उनका परमानेंट एड्रेस बन चुका है। यहां रहने वाले लोगों के दिन की शुरुआत योग से होती है। भगवान की पूजा आरती कर ये सभी अपने-अपने क्लास अटेंड करने में व्यस्त हो जाते हैं और फिर शाम अपने दोस्तों के साथ बिताते हैं।
हमेशा से ही समाज में हाशिए पर रहे ये लोग अब अपने सामुदायिक भवन में हंसी खुशी जिंदगी बसर कर रहा है। जिसके जो सपने हैं वो उसके अनुसार ट्रेनिंग ले रही हैं। सपनों को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत से लगी हुई हैं।
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