भोपाल। 18 सालों तक कांग्रेस की राजनीति करने के बाद आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम ही लिया। बीजेपी दफ्तर में जैसे ही सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया प्रदेश के कई सियासी समीकरण बदल गए। न सिर्फ ग्वालियर-चंबल बल्कि मालवा के उन इलाकों में जहां सिंधिया समर्थक काफी संख्या में है, कांग्रेस और बीजेपी की जमीनी राजनीति में नए रिश्तों की कहानी शुरु हो गई।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के सात ही उनके खिलाफ कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें गद्दार कहना शुरु कर दिया है। जगह-जगह सिंधिया के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित पीसीसी ऑफिस से सिंधिया की ने प्लेट हटा दी गई है। इसके पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक तौर पर सिंधिया की तस्वीरों को कालिख पोत कर अपना विरोध जताया था। वहीं कांग्रेस भवन में स्थित चैम्बर से सिंधिया की नेम प्लेट तस्वीरें हटाने से समर्थक नाराज़ हैं।
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कांग्रेस भवन में सिंधिया की तस्वीरों के खिलाफ हो रहे अनादर से सिंधिया समर्थक नाराज हो गए हैं। सिंधिया समर्थक पीसीसी भवन के ग्राउंड फ्लोर में घुस गए । सिंधिया के चैम्बर में ताला लगा होने पर समर्थक भड़क गए। सिंधिया समर्थकों ने ताला खुलवाकर सिंधिया की तमाम तस्वीरें निकाल ली हैं। कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप सिंधिया समर्थकों ने लगाया है।
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सिंधिया के बीजेपी में जाने के पीछे दिग्विजय सिंह और सीएम कमलनाथ की कैमेस्ट्री को जिम्मेदार माना जा रहा है। इन दो वरिष्ठ नेताओं की जुगलबंदी की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए गुंजाइश बेहद कम हो गई थी ।