रायपुर। अब तक ट्रेनों और रेलवे स्टेशन में टिकट चेकिंग का काम करने वाले टिकट निरीक्षक अब रेलवे के लिए मार्केटिंग का काम भी करेंगे । कोरोना काल में ट्रेनों का संचालन पूर्ण रुप से बंद है। ऐसे में आय बढ़ाने के लिए रेलवे ने पार्सल के जरिए कमाई करने का रास्ता बनाया है। लिहाजा नए पार्सल कस्टमर ढूंढने के लिए रेलवे ने अपने टिकट चेकिंग स्टॉफ को मार्केट में भेजकर पार्सल सेवा के लिए कस्टमर ढूंढने का काम करेंगे । हालांकि टिकट चेकिंग स्टॉफ ने रेलवे के इस फैसले का विरोध भी शुरु कर दिया ।
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टिकट…टिकट..टिकट की आवाज आपने ट्रेनों और स्टेशनों में टिकट इंस्पेक्टर से सुनी होगी, लेकिन अब ये टिकट इंस्पेक्टर पार्सल…पार्सल…पार्सल भी बोलेंगे। अब आप सोच रहे होंगे..की आखिर क्या टिकट चेकिंग स्टॉफ पार्सल की चेकिंग भी करेंगे…तो ऐसा नहीं है। दरअसल ये टिकट चेकिंग स्टॉफ अब रेलवे के लिए पार्सल भेजवे वाले कस्टमर की तलाश करेंगे ।
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कोरोना के चलते लॉकडाउन में ट्रेन सेवा पूर्ण रुप से बंद है। अनलॉकडाउन के तहत कुछ स्पेशल ट्रेन ही चल रही हैं, अगर बात रायपुर की करें तो यहां दो ट्रेनें चल रही हैं और दो ट्रेनें यहां से गुजर रही हैं । ऐसे में अधिकांश टीटी के पास काम नहीं है, हालांकि फिर भी 50 फीसदी स्टॉफ को किसी न किसी काम में स्टेशन में लगाया गया है । ट्रेने नहीं चलने से रेलवे को राजस्व भी नहीं मिल रहा है । लिहाजा टीटी का उपयोग पार्सल के लिए प्रोत्साहित करने के लिए करने का फैसला लिया गया है ।
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रेलवे के मंडल कार्यालय की ओर से जारी आदेश में दुर्ग और रायपुर के 5-5 टीटी की ड्यूटी अभी मार्केटिंग के कार्य के लिए लगाई गई है । रेलवे के इस फरमान का इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग आर्गेनाइजेशन ने विरोध किया है ।
भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, पूरी टीम को प्रोफेशनल तरीके से कार्य करना होगा… सीनियर टिकट इंस्पेक्टर (सीटीआई) के नेतृत्व में टिकट निरीक्षकों की टीम काम करेगी। उन्हें पार्सल बुकिंग और दुकानों में जाकर रेलवे की मार्केटिंग का एक लक्ष्य दिया जाएगा। उनकी टेरेटरी बनाई जाएगी। स्टेशन से बाहर जाकर काम अपने 8 घंटे की ड्यूटी के दौरान हर दिन 20-20 दुकानदारों से बात करनी होगी । फिलहाल ये कदम एक प्रयोग के रुप में उठाया गया है। अधिकारियों की माने अगर इसमें सफलता मिलती है, तो फिर इसे पूरे देश में भी अपनाया जा सकता है ।