छत्तीसगढ़ बजट 2021: प्रशासनिक खर्च बढ़ रहा है, भ्रष्टाचार से जनता परेशान है, डराने वाला बजट है.. सदन में पूर्व CM रमन ने बोला हमला

छत्तीसगढ़ बजट 2021: प्रशासनिक खर्च बढ़ रहा है, भ्रष्टाचार से जनता परेशान है, डराने वाला बजट है.. सदन में पूर्व CM रमन ने बोला हमला

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  • Publish Date - March 2, 2021 / 08:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के आज 7वें दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। सदन में रमन सिंह बजट घोषणाओं को लेकर कहा कि जिस हाइट की बात कही,वह खोखला है। CM भूपेश ने पिछले बजट के आंकड़े को बदलकर प्रस्तुत किया। प्रशासनिक खर्च बढ़ रहा है। भ्रष्टाचार से जनता परेशान है, राजकोषीय स्थिति बेकाबू है। डराने वाला बजट है। यह बजट किसी भी वर्ग को संतुष्ट करने वाला बजट नहीं है। अफसरों ने जिस हाइट को प्रस्तुत किया और जनता ने जो समझा उसमें काफी अंतर है।

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CM भूपेश ने जिस हाइट HEIGHT का उपयोग किया उसका जनता ने ट्रांसलेट किया है। H-खोखला,E-अछूता,I-इंपेक्ट,G-गिल्ट,H-हॉरर (डरावना बजट),T-टेरेबल। जनता ने ये हाइट समझा, अधिकारियों ने कुछ और ही पेश किया। सरकार ये कैसा नया छग बना रही। रमन सिंह ने आगे कहा कि इस बार का 17461 करोड़ का वित्तीय घाटा अनुमानित यह चिंतनीय है। पुनरक्षित अनुमानों में 6.52% घाटा GSDP का वित्तीय घाटा 9609 करोड़ का राजस्व घाटा और चालू वित्त वर्ष में 12 हजार करोड़ का घाटा रहा। इसमें 7 हजार करोड़ ही पूंजीगत व्यय में खर्च होगा।

कहा कि छत्तीसगढ़ में जीरो बजट का दिख रहा। सरकार की आय और प्रति व्यक्ति आय में कम होगा। रोजगार बढ़ाने वाले विकासात्मक कार्यों पर सरकार ने रुचि नहीं दिखाई। राज्य सराकर पर 41 हजार करोड़ का कर्ज है। हमें विरासत में 8670 करोड़ का कर्ज मिला। जबकि 15 साल में हमारी सरकार ने केवल 33 हजार करोड़ का कर्ज लिया।

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सरकारी अस्पतालों में अमानक दवा का मामला गूंजा

विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान सरकारी अस्पतालों में अमानक दवा का मामला गरमाया। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि सीजीएमएससी द्वारा अमानक दवाओं की सप्लाई हो रही है। सौरभ सिंह ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जिन स्थानों पर शिकायतें सामने आई, वहां कार्रवाई की गई है। पूरे प्रदेश में अमानक दवाओं की सप्लाई का आरोप सही नहीं है। दवाओं को भेजने के पहले जांच की जाती है। अमानक पाए जाने पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। यह सही नहीं की अमानक दवाई का उपयोग किया गया। दवाओं के अमानक पाए जाने पर निविदा रोक दी जाती है। गुणवत्ता परीक्षण के बाद भी सप्लाई की जाती है। इन दवॉइयों के उपयोग से अब तक किसी भी को हानि होने की जानकारी नहीं प्राप्त हुई है। वित्तीय हानि की वसूली की जा चुकी है।

इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि किस कंपनी से 4 महीने पहले दवाई डिस्ट्रीब्यूशन को रोका गया और कितना पैसा वसूला गया? मंत्री ने कहा ₹229501 की वसूली की गई है। विधायक ने पूछा कि कुल कितनी दवाई सप्लाई हुई थी और किस कंपनी से सप्लाई की गई थी। मंत्री ने कहा 19 बैच में 3 लाख से अधिक दवाइयां गुजरात की कंपनी से प्राप्त हुई थी। केवल अंबिकापुर से शिकायत आई थी और वहां की सप्लाई को रोक दिया गया। विधायक ने कंपनी पर कार्रवाई पर सवाल उठाया। टीएस सिंहदेव ने कहा कि देश के मानकों के आधार पर अधिकृत कंपनी है। अलग अलग मानकों पर कार्रवाई होती है।

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रेडी टू ईट खाद्य सामग्री वितरण पर देवव्रत ने मंत्री से पूछा सवाल

राजनांदगांव जिले के आंगनबाड़ी में गुणवत्ताहीन रेडी टू ईट खाद्य सामग्री वितरण पर मंत्री अनिला भेड़िया का विधायक देवव्रत सिंह ने ध्यानाकर्षण कराया। देवव्रत सिंह ने कहा कि इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। इस पर मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा इस वर्ष जो रेडी टू ईट में खाद्य सामग्री भेजी गई है। उसमें किसी में भी गुणवत्ताहीन होने की शिकायत नहीं आई है। किसी भी बच्चों में अस्वस्थ होने की शिकायत भी नहीं है।

देवव्रत ने पूछा कि प्रभारी पर्यवेक्षक ने कितने बार नमूने कितने बार संकलन किया है। मंत्री ने कहा कि हर माह सामग्री का विश्लेषण के लिए भेजा जाता है। रिपोर्ट में देरी होती है इसके चलते समस्या होती है। मंत्री ने कहा समिति बनाकर जांच कराई जाएगी।

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ऑनलाइन कक्षा में हो रही दुविधा पर मंत्री प्रेमसाय का ध्यानाकर्षण कराया

कांग्रेस विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने नगरी क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं होने के चलते ऑनलाइन कक्षा में हो रही दुविधा पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का ध्यानाकर्षण कराया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि नगरी क्षेत्र वनांचल ओर से घिरा हुआ है। ऑनलाइन शिक्षा बाधित है यह सही नहीं है। बताया कि पढ़ाई तुंहर द्वार के अंतर्गत 25595 विद्यार्थी पंजीकृत है। 10,000 से अधिक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है। जिन क्षेत्रों में कक्षाएं प्रभावित हो रही है वहां ऑफलाइन मोहल्ला कक्षा संचालित की जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2500000 से अधिक पंजीकृत छात्र हैं और 200000 से अधिक शिक्षकों ने क्लास लगाई। 9 लाख से अधिक कक्षाएं लगी। बांग्लादेश और नेपाल तक में कक्षाएं लॉगिन करके विद्यार्थियों ने पढ़ाई किया। नीति आयोग ने भी सरकार के इस कार्य योजना की प्रशंसा की है। नगरी ब्लॉक में 43 मोबाइल टॉवर लगाए गए हैं,19 टावर से कनेक्टिविटी अभी बंद है। पत्र लिखकर केंद्र सरकार से कनेक्टिविटी के लिए आग्रह किया जाएगा। टॉवर कंपनी से पत्र व्यवहार करने कलेक्टर को आदेशित किया जाएगा।