रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की ऋण माफी योजना प्रदेश की जनता ही नहीं व्यापार के लिए भी संजीवनी साबित हुई है। अब इस योजना की ख्याती प्रदेश ही नहीं दूसरे राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ रही है। इसी के चलते राजस्थान सरकार अपने अधिकारियों की टीम छत्तीसगढ़ भेज रही है। राजस्थान सरकार के अधिकारियों की यह टीम भूपेश सरकार की ऋणमाफी योजना का अध्ययन करेगी ताकी इस योजना को राजस्थान में भी लागू किया जा सके।
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान सरकार भी किसानों का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया है तथा इसके क्रियान्वयन के अध्ययन के लिए राजस्थान के वित्त विभाग के निदेशक के नेतृत्व में चार सदस्यीय अध्ययन दल 16 से 19 अक्टूबर के मध्य छत्तीसगढ़ के अध्ययन पर रहेगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के करीब 19 लाख किसानों के लगभग 11 हजार करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ किया गया हैं। राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लेकर बताया कि राजस्थान सरकार ने अपने किसानों की कमजोर आर्थिक स्थिति के मद्देनजर 30 नवंबर 2018 को एनपीए हुए किसानों का 2 लाख रूपए तक की राशि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ सरकार की किसान ऋण माफी योजना की तर्ज पर राजस्थान में भी एकमुश्त ऋण माफी अपनाकर किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण माफ करना चाहती है।
अध्ययन दल में राजस्थान के वित्त (बजट) विभाग के निदेशक शरद मेहरा, संयुक्त सचिव आयोजना सुरेश चन्द गुप्ता, महाप्रबंधक अपेक्स बैंक राजस्थान चन्द्रमोहन भारद्वाज और संयुक्त निदेशक आयोजना केसी मीणा छत्तीसगढ़ के अध्ययन पर आ रहे है।
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