बिलासपुर: टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी कई योजना पर काम कर रहा है, जिसमें एक योजना है रामायण एक्सप्रेस। आईआरसीटीसी एसईसीआर के साथ मिलकर रामायण एक्सप्रेस चलाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए रेलवे बोर्ड को प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही बिलासपुर रेल मंडल से इसकी शुरुवात हो जाएगी।
दरअसल दक्षिण कौशल को भगवान राम की माता कौशल्या का जन्मस्थली माना जाता है। 14 वर्षों के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में लम्बे समय तक भगवान राम के निवास करने का ज़िक्र मिलता है। शिवरीनारायण में मा शबरी के मन्दिर सहित प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में उनके पदचिन्ह हैं। यहां की पर्वतमाला में भगवान राम से जुड़ी कई दंत कथाओं का वाल्मीकि रामायण में भी जिक्र है। इसे देखते हुए आईआरसीटीसी टूरिज्म को बढ़ावा देने राम के ननिहाल से रामायण एक्सप्रेस चलाने की दिशा में काम कर रहा है।
रेलवे मुख्यालय को इस ट्रने के लिए प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इसे हरी झंडी भी मिल जाएगी। उड़ीसा के ब्रजराजनगर इस ट्रेन की शुरुवात होगी, जो छग के सभी रामस्थली के भ्रमण के साथ प्रदेश के बाहर जहां-जहां श्रीराम के फूटप्रिंट हैं, नासिक, चित्रकूट, रामेश्वरम, मदुरई, अयोध्या, गया जैसे स्थानों का भ्रमण कराएगा। आठ सौ यात्री इस यात्रा में शामिल हो सकेंगे।
आईआरसीटीसी के एरिया मैनेजर राजेन्द्र बोर्बन ने बताया कि, टूरिज्म को बढ़ावा देने रामायण एक्सप्रेस चलाने की दिशा में काम हो रहा है, प्रपोजल भेजा गया है, मंडल से इसकी शुरुवात होगी, श्रीराम के जहां जहाँ फुटप्रिंट हैं, उसके दर्शन कराए जाएंगे।
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