रायपुर: इस साल मानसून ने समय से पहले छत्तीसगढ़ में दस्तक दी। जून महीने में बदरा जमकर बसरे, लेकिन जुलाई महीने में बारिश थम सी गई है। आधे से ज्यादा जुलाई का महीना बीत चुका है। लेकिन अभी भी अवर्षा की स्थिति है।
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मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में औसत से 7 फिसदी कम बारीश हुई है। सिर्फ 9 जिलों में ही औसत या उससे ज्यादा बारीश हुई है। बारीश नहीं होने से किसानों के माथों पर चिंता की लकीर दिखाई देनी लगी है। क्योंकि इस समय धान की फसल का बोआई का कार्य होना था। लेकिन वर्षा नहीं होने से जमीन पर दरारें दिखने लगी है।
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पानी नहीं गिरने से तापमान में भी बढ़ोतरी हो गई है। जिसके कारण बिजली की डिमांड 4 हजार 905 मेगावॉट तक पहुंच गई। हालांकि सरगुजा जिले में हल्की बारिश दर्ज की गई है। जिससे उमस बढ़ गई है। वहीं, किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। धमतरी जिले के किसान भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। पानी नहीं गिरने पर किसानों को फसल चौपट होने का खतरा बढ़ गया है।