भोपाल: कोरोना काल में मौत के आंकड़ों पर बीजेपी सरकार के बाद संगठन भी कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। इसकी वजह बीजेपी संगठन का वो फैसला है, जिसके तहत पार्टी अब कोरोना काल में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के घर जाकर शोक संवेदना प्रकट करेगी। सरकारी आंकड़ों में दर्ज 8 हजार मौतों में से 3 हजार मौतें बीजेपी कार्यकर्ताओं की ही है। लिहाजा कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी सरकारी मदद का लाभ आम जनता के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को देना चाहती है। ऐसे में सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश में कोरोना काल में मौत के आंकड़ों में हेर-फेर हुई है?
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प्रदेश के श्मशान घाटों पर जलती इन चिताओं से अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने कितनी जबरदस्त तबाही मचाई। अब इन्हीं चिताओं को लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब 8 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है, लेकिन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। दरअसल बीजेपी की प्रदेश इकाई ने एलान किया है कि कोरोना काल में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं या फिर उनके परिवार में किसी की मौत हुई है तो नेता घर पहुंचकर दुख प्रकट करेंगे। ये आंकड़ा तीन हजार के करीब है, यानी सूबे में जो 8 हजार मौतें हुई हैं उनमें से तीन हजार सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ता है या फिर उनके परिवार के लोग। इन्हीं आंकड़ों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए और कहा है कि धीरे-धीरे सरकार का झूठ सामने आ रहा है।
सियासी आरोपों के इतर मौत के आंक़ड़ों पर नजर डालें तो मई में 6 राज्यों में 2019 की तुलना में इस बार 4.2 लाख से अधिक मौतें हुईं। सरकारी आंकड़ों में नजर डाले तो राज्यों में मई महीने में 34 हजार लोग कोरोना से मरे। मध्यप्रदेश में मई में ही 1 लाख 30 हजार अधिक मौतें हुईं। राज्य सरकार ने 2 हजार 451 कोरोना मौतें दर्ज की है। तमिलनाडु में मई महीने में 45 हजार अधिक मौतें हुईं। तमिलनाडु और मध्यप्रदेश की कुल जनसंख्या 8.5 करोड़ के आसपास है। मध्यप्रदेश में 1 लाख 30 अधिक मौतें हुईं, जबकि तमिलनाडु में 45 हजार मौतें हुई। मौत के इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस पहले भी सवाल उठाती रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दावा किया था कि एमपी में कोरोना काल में 1 लाख लोगों की जान गई है जिस पर खूब हल्ला भी मचा था। कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी के शोक संवेदना के प्लान को लेकर हमलावर है। हालांकि बीजेपी ये दलील दे रही है कि जो फिल्ड पर काम करेगा उसी की मौत होगी।
मध्यप्रदेश सरकार कोविड मौत पर परिजनों को 1 लाख रुपए मुआवजा राशि दे रही है। ये राशि 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 तक के बीच के कोविड डेथ में मिलना है। इसलिए इसी पीरियड में कोविड से हुई मौतों को आंकड़े पर सभी की नजर है। मौतों के आंकड़ों पर विपक्ष और सत्ता पक्ष का अपना-अपना दावा है, लेकिन इन सबके बीच सवाल ये है कि सच्चाई क्या है?
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