रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के आंकड़ें अब डराने लगे हैं, प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख 18 हजार से ज्यादा तक पहुंच चुका है। पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा भी 46 सौ के पार पहुंच चुका है। इन हालात के लिए भाजपा ने एक बार फिर राज्य सरकार को कटघऱे में खड़ा किया है, तो सत्ता पक्ष ने भाजपा को संकटकाल में सियासत छोड़ केंद्र से राज्य का हक और मदद दिलाने के लिए काम करने की नसीहत दी है। सरकार का दावा है कि कोविड की जांच के मामले में प्रदेश बाकि राज्यों से बेहतर हैं। सवाल उठता है क्या वाकई सबकुछ ठीक है? सवाल ये भी है कि आरोप लगाने मात्र से क्या विपक्ष का धर्म पूरा हो जाता है?
प्रदेश में तेजी से कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट कर एक बार फिर सीधे तौर पर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने यदि रोड सेफ्टी क्रिकेट मैच कराने की जिद्द ना की होती तो आज प्रदेश की स्थिति भयावह न होती। रमन ने लिखा कि उम्मीद है अब आपको ये याद रहेगा कि जनता ने आपको छत्तीसगढ़ की सेवा के लिए चुना है। असम में डेरा डालकर बेवजह के कार्यक्रम कराने की गलती फिर नहीं करेंगे। रमन सिंह के ट्वीट पर कांग्रेस ने भी जमकर पलटवार किया है। कांग्रेस के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश में जो डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं उसके लिए कौन जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भाजपा नेताओं को इस मौके पर ओछी राजनीति ना करने की नसीहत दी है।
वैसे भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस भी अब तीखे हमले बोल रही है। कांग्रेस ने रमन सिंह और उनके पुत्र अभिषेक सिंह की बिना मास्क वाली एक तस्वीर वायरल करते हुए लिखा है कि “पकड़े गए रमन सिंह” कांग्रेस ने पूछा है कि भारत में कोरोना केस के मामले 1 लाख 45 हजार जबकि छत्तीगढ़ में केस 11 हजार 447 हैं। ऐसे मे रमन सिंह बताए कि देश में 1 लाख 33 मामले किस वजह से आए? साथ ही कांग्रेस ने रमन सिंह पर तंज कसा है कि छत्तीसगढ़ याद रखेगा जब जनता मुश्किल वक्त से गुजर रही थी तब एक डॉक्टर ट्वीटर पर बैठकर जनता के बीच अफवाह फैला रहा था।
प्रदेश सरकार का दावा है कि टेस्टिंग और बाकी इंतजामों में प्रदेश की स्थिति तुलनात्मक तौर पर बेहतर है। भाजपा ने प्रदेश स्तर पर कोरोना मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं की एक समीति बना दी है, जो मुख्य सचिव और कलेक्टर्स से मिलकर कोरोना रोकथाम पर त्वरित काम को लेकर सुझाव दे रही है। वार-पलटवार अपनी जगह हैं, लेकिन कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के भारी संकट के बीच प्रदेश की जनता का एक ही सवाल है क्या ये वक्त है केंद्र-राज्य की सियासत का या फिर वक्त है केंद्र से ज्यादा से ज्यादा मदद लाने का और केंद्र के साथ मिलकर जनता को जल्दी ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाने का?
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