भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल पुलिस ने नाबालिगों से रेप गैसे गंभीर मामलों में संदेहियों को डीएनए टेस्ट किए बिना ही मामले की जांच में जुटी हुई है। गौर करने वाली बात यह है कि सीएसपी लेवल के अधिकारी इन मामलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे एक दो नहीं बल्कि लगभग एक दर्जन मामले हैं जिनमें पुलिस ने लापरवाही पूर्वक कार्रवाई की है। हाईकोर्ट ने पुलिस की इस लापवाही का खुलासा किया है। फिलहाल सभी थानों के थाना प्रभारियों को डीआईजी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में नाबालिग से रेप के मामलों में संदेहियों का डीएनए टेस्ट नहीं कराए जाने का खुलासा होने के बाद। डीआईजी ने 11 मामले चिन्हित किए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस ने जांच के दौरान लापरवाही करते हुए संदेहियों के डीएनए टेस्ट नहीं करवाए हैं।
CSP लेवल के अधिकारी करते हैं ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग
बता दें कि नाबालिग से रेप के मामले में संदेहियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। इन मामलों में लापरवाही न हो इसलिए सीएसपी लेवल के अधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी जाती है। बावजूद इसके ऐसी लापरवाही होना पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाती है।
इन थाना क्षेत्रों के हैं मामले
ऐसे मामलों को संबंध में डीजीपी ने जब चिन्हित किया तो 11 मामले प्रकाश में आए। जिसमें सबसे अधिक कोलार थाना क्षेत्र में 7 मामले है, जिनमे पुलिस ने संदेहियों के डीएनए टेस्ट नहीं करवाए हैं। वहीं, बजरिया, रातीबड़, बैरागढ़, और गांधीनगर के 1-1 मामलों में पुलिस ने लापरवाही बरती है।
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