छत्तीसगढ़ के स्कूलों में उड़िया पाठ्यक्रम शामिल करने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, शासन ने दिया ये जवाब | Peal in high court for apply Oriya syllabus in chhattisgarh's school

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में उड़िया पाठ्यक्रम शामिल करने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, शासन ने दिया ये जवाब

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में उड़िया पाठ्यक्रम शामिल करने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, शासन ने दिया ये जवाब

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 PM IST
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Published Date: July 11, 2019 5:59 pm IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में गुरूवार को एक अहम मामले में सुनवाई हुई। दरअसल छत्तीसगढ़ के स्कूलों में उड़िया भाषा पाठ्यक्रम को शामिल ​किए जाने को लेकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले में छत्तीसगढ़ शासन ने कोर्ट को विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। फिलहाल कोर्ट ने शासन के जवाब पर याचिकाकर्ता की याचिका को निराकृत कर दिया है।

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सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रेमशंकर पंडा ने अधिवक्ता हमीदा सिद्दिकी के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर राज्य में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में उड़िया भाषा को शामिल करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि ओडिशा छत्तीसगढ़ का पड़ोसी राज्य है।

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छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, रायपुर सीमा, रायगढ़, सरायपाली, महासमुंद में बड़ी संख्या में उड़िया भाषी लोग रहते हैं। इनकी आबादी 10 लाख से अधिक है। संविधान में भी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। 10वीं व 12वीं में उड़िया भाषा को शामिल किया गया है। इस आधार पर प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में भी उड़िया भाषा को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाए।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर पूछा था कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर क्या कार्रवाई की गई है। गुरुवार को शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया कि प्रदेश में पहली से आठवीं तक की शिक्षा में उड़िया भाषा को भी शामिल किया जाएगा। छात्र वैकल्पिक विषय के रूप में उड़िया भाषा विषय का चुनाव कर सकते हैं। जल्दी ही इस संबंध में मसौदा तैयार किया जाएगा।

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