उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट परंपरागत रूप से रात 12 बजे त्रिकाल पूजा के साथ खुल गए। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरि महाराज और मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत ने मंदिर पुजारियों संग विधि विधान से नागचंद्रेश्वर का पूजन अर्चन किया।
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इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है । नागचंद्रेश्वर के दर्शन की व्यवस्था मंदिर प्रशासन समिति ने महाकाल मंदिर के सभी ऑफिशियल सोशल मीडिया एकाउंट और www.mahakaleshwar.nic.in पर की है। श्रद्धालु घर बैठे नागचन्देश्वर के दर्शन लाभ ले सकते हैं।
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यह भी कहा जा रहा है कि 300 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साल का इंतजार खत्म होने पर भी भक्तों को नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। मान्यता अनुसार नागचंद्रेश्वर के दर्शन के बाद सर्पदोष से मुक्ति मिल जाती है और इसी के चलते जब साल में 1 बार श्रावण माह में जब नागपंचमी के दिन ये मंदिर खुलता है, तो मंदिर के बाहर देश विदेश से हजारों श्रद्धालु की भीड़ दर्शनों के लिए उमड़ पड़ती है।