जशपुर । वन मंडल मे इन दिनों जंगली हाथियों का उत्पात ग्रामीणों के साथ साथ वन अमला के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। जंगल के समीम आबादी क्षेत्र में हाथियों के उत्पात से जनहानि की घटना को रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी ग्रामीणों के साथ अलाव जला कर निगरानी कर रहे हैं। जशपुर वन मंडल का तपकरा, दुलदुला और कुनकुरी क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांवों में शाम होते ही हाथियों की दहशत स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। तपकरा क्षेत्र का सिकिरिमा सहित 3 गांवों में बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन हाथियों का उत्पात देखने को मिल रहा है।
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यहां के ग्रामीणों का कहना है कि पड़ोसी उड़ीसा राज्य की सीमा से 15 जंगली हाथियों का दल पहुंचने के बाद उनकी परेशानियों में काफी इजाफा हुआ है। दिन भर तपकरा के जंगल में विचरण करते हुए ये हाथी शाम को आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं। हाथियों के इस दल में 3 दंतैल हाथी काफी आक्रामक होकर घरों में तोड़फोड़ कर वंहा रखा धान,चांवल को चट कर दे रहे हैं। 4 जनवरी को सिकिरिमा गांव में एक दंतैल हाथी ने दयाराम नामक वृध्द को कुचल कर मार दिऐ जाने के बाद इस क्षेत्र में काफी दहशत बढ़ गई है। कड़कड़ाती ठंड में लोगों को छत पर सोना पड़ रहा है।
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यहां प्रतिदिन हाथियों की उपस्थिति के चलते ही सिकिरिमा के ग्रामीण शाम होते ही अपने घर छोड़कर खुले आसमान तले अलाव जलाकर रहने की खातिर मजबूर हो गए हैं। कल बीती रात ग्रामीणों की मदद के लिए सिकिरिमा गांव में तैनात वन विभाग की गजराज वाहन पर भी जंगली हाथियों के दल ने मामूली तोड़ फोड़ की थी, लेकिन बाद में इस वाहन से शायरन की तेज आवाज के बाद हाथियों का दल जंगल की ओर भागने के लिए मजबूर हो गया था। वन अधिकारी इन दिनों हाथियों के उत्पात से प्रभावित गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों को हाथियों से दूर रह कर जनहानि से बचने की लगातार समझाइश दे रहे हैं।