'ऑपरेशन प्रहार’ पर पलटवार! ये दांव जवानों पर भारी पड़ेगा या नक्सलियों को खानी पड़ेगी मुंह की? | Overturned on 'Operation Prahar'! Will these bets be heavy on the soldiers or will the Naxalites have to eat their mouths?

‘ऑपरेशन प्रहार’ पर पलटवार! ये दांव जवानों पर भारी पड़ेगा या नक्सलियों को खानी पड़ेगी मुंह की?

'ऑपरेशन प्रहार’ पर पलटवार! ये दांव जवानों पर भारी पड़ेगा या नक्सलियों को खानी पड़ेगी मुंह की?

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 PM IST
,
Published Date: April 26, 2021 6:09 pm IST

रायपुरः नक्सल उन्मूलन अभियान और ऑपरेशन प्रहार के विरोध में नक्सलियों ने सोमवार को एक दिन का भारत बंद बुलाया। इस दौरान लाल लड़ाकों ने बस्तर में जगह-जगह हिंसा और तांडव किया, कहीं बैनर-पोस्टर लगाकर सड़क जाम की, तो कहीं वाहनों को आग के हवाले कर दिया। दरअसल ऑपरेशन प्रहार को लेकर नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है। इसी बौखलाहट में वो एक बार फिर आक्रामक नजर आ रहे हैं। बीते दिनों बीजापुर में जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने के बाद नक्सलियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। अब वो बदली हुई रणनीति के साथ बस्तर में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि नक्सलियों का ये दांव जवानों के ऑपरेशन प्रहार पर भारी पड़ेगा या फिर बदले हुए हालात में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी?

Read More: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ली प्रशासनिक अफसरों की बैठक, कहा- 7 दिनों के अंदर तोड़ना है कोरोना चेन

बस्तर के अलग-अलग इलाकों से आई ये सभी तस्वीरें नक्सलियों के भारत बंद के दौरान की है। ऑपरेशन प्रहार के खिलाफ बुलाए बंद में नक्सलियों ने पूरी तैयारियों के साथ कई वारदातों को अंजाम दिया। कहीं हाईवे पर वाहनों को आग के हवाले कर दिया तो..तो कहीं सड़क जाम कर दी। नक्सलियों की इस आक्रामक वारदात के पीछे ये मंशा बताई जा रही है कि वो एक बार फिर इलाके में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि नक्सली बैकफुट पर हैं। इसलिए बौखलाहट में ऐसा कदम उठा रहे हैं।

Read More: गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम भूपेश बघेल को फोन कर एक मई से होने वाले टीकाकरण के संबंध में ली जानकारी

जाहिर है बीते अप्रैल माह में बीजापुर में फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने के बाद से नक्सली लगातार छोटी-बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला है बचेली का जहां नक्सलियों ने विशाखपटनम से किरंदुल आ रही यात्री ट्रेन को निशाना बनाया, तो वहीं भेज्जी से बाइक पर निकले 2 जवानों की निर्मम हत्या कर दी। इसी तरह अगवा एसआई का अपहरण के बाद हत्या हो या फिर पुलिस मुखबिरी के आरोप में दो ग्रामीणों सहित एक सचिव की भी हत्या कर नक्सलियों ने इलाके में दहशत फैलाने का पुराना पैंतरा फिर आजमाया है। बस्तर में बढ़ती नक्सली घटनाओं पर बीजेपी-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप की सियासत भी तेज हो गई है।

Read More: छत्तीसगढ़ से लखनऊ जा रही आक्सीजन टैंकर अंबिकापुर के पास हुई ब्रेक डाउन, पिछले दो घंटे से जारी है सुधारने की कवायद

बहरहाल बीते कुछ महीनों में जवानों के लगातार ऑपरेशन ने नक्सलियों को बैकफुट पर धकेला है। इसी बौखलाहट में अब वो आमने-सामने के मुकाबले की जगह नई रणनीति के तहत हिंसा के जरिए दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में बस्तर में घटित सारे वारदात इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब वो दहशत फैलाने के लिए फिर से पुराने पैंतरों पर जोर दे रहे हैं अब सवाल है कि उनके इस नए पैंतरे का जवाब फोर्स और सरकार किस तरह देने वाली है?

Read More: बिना मास्क पाए गए इस देश के प्रधानमंत्री, कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने पर 14,270 रुपए का जुर्माना

 
Flowers