शासकीय कर्मचारी के बर्खास्तगी का आदेश निरस्त, 36 सालों का पूरा वेतन सहित समस्त लाभ देने का निर्देश

शासकीय कर्मचारी के बर्खास्तगी का आदेश निरस्त, 36 सालों का पूरा वेतन सहित समस्त लाभ देने का निर्देश

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  • Publish Date - March 21, 2020 / 03:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने कृषि विभाग के स्टेनोग्राफर की बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया है । कोर्ट ने बर्खास्तगी दिनांक तक के सभी लाभ देने का आदेश दिया है । याचिकाकर्ता को दिसम्बर 1985 में बर्खास्त किया गया था । जनवरी 1991 में संचालक कृषि विभाग भोपाल ने उनकी अपील खारिज की थी।

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बता दें कि याचिकाकर्ता एमएल तंबोली की 1965 में कृषि विभाग के अंबिकापुर कार्यालय में स्टेनोग्राफर के पद में नियुक्ति हुई थी। 1985 में उसके खिलाफ शिकायत मिली, याचिकाकर्ता को बिलासपुर कार्यालय में अटैच किया गया एवं विभागीय जांच प्रारम्भ की गई थी। उन पर बिना किसी सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने, विभाग के उच्च अधिकारी के आदेश का पालन नही करने, और अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप पत्र देकर जवाब मांगा गया, लेकिन याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना उसे 31 दिसम्बर 1985 को बर्खास्त किया गया।

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इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने सिविल सेवा वर्गीकरण , नियंत्रण नियम के तहत विभागीय अपील पेश की। संचालक कृषि भोपाल ने जनवरी 1991 में अपील खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जस्टिस गौतम भादुडी की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने विभागीय जांच के दूषित होने तथा याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना बर्खास्त किये जाने को नेचुरल जस्टिस के खिलाफ पाया। कोर्ट ने बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त किया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बर्खास्तगी दिनांक तक का सभी लाभ देने का आदेश दिया है।