राजधानी के सरकारी अस्पताल में करोड़ों की मशीनों को कबाड़ में बेचने की तैयारी, प्रबंधन पर कमीशनखोरी के सुनियोजित प्लान का आरोप

राजधानी के सरकारी अस्पताल में करोड़ों की मशीनों को कबाड़ में बेचने की तैयारी, प्रबंधन पर कमीशनखोरी के सुनियोजित प्लान का आरोप

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  • Publish Date - January 12, 2020 / 06:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

रायपुर। डा. भीमराव अस्पताल प्रबंधन करोड़ों की उन मशीनों को डिस्पोज करने की तैयारी में है। जिनसे मरीजों की जांच की जा सकती है। इनमें एक करोड़ 25 लाख की एमआरआई से लेकर 60 लाख की सीटी स्कैन, 2 करोड़ की इको मशीन भी शामिल है। ईएनटी विभाग की 2 करोड़ की मशीनों के अलावा, हड्डी रोग की भी मशीनें और टेबलों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

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अस्पताल के डीएमई डा. एसएल आदिले का कहना है कि मशीनें पुरानी हो गई, इसलिए उनके पार्ट्स नहीं मिल रहे हैं। अगर पैसे लगाकर किसी तरह मेंटेनेश भी करवा लें तो कुछ ही दिन चलाया जा सकता है। वहीं पैरामेडिकल संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश साहू का आरोप है कि कमीशनखोरी के चक्कर में जानबूझ कर मशीनों को कबाड़ किया जा रहा है। मशीनों को चलाने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती नहीं की जा रही है। ऐसे में अप्रशिक्षित लोगों से मशीनों का चलवाते हैं। जिसके कारण से मशीनें खराब हो रही हैं।

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बता दें कि रायपुर के डा. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में पूरे प्रदेश से मरीज जांच और इलाज के लिए आते हैं लेकिन मशीन और टेक्निशियन की कमी बताते हुए उन्हें लंबी वेटिंग दे दी जाती है।