‘नाइट कर्फ्यू’ पाबंदी बनाम सियासत! क्या प्रदेश में सख्ती का दौर और बढ़ेगा?

'नाइट कर्फ्यू' पाबंदी बनाम सियासत! क्या प्रदेश में सख्ती का दौर और बढ़ेगा?

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  • Publish Date - March 16, 2021 / 05:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

भोपाल: देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर कोरोना ने रफ्तार पकड़ी है। चिंता की बात ये कि देश को तेजी से फैलते संक्रमण वाले राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है। मार्च के महीने में इंदौर-भोपाल समेत कुल 10 जिलों में प्रतिदिन संक्रमितों का बढ़ता प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। मौजूदा हालात को देख विधानसभा का बजट सत्र वक्त के पहले खत्म हो चुका है। प्रदेश सरकार ने इंदौर-भोपाल में नाइट कर्फ्यू समेत कुछ और प्रभावित शहरों में रात में 10 बजे तक बाजार बंद का ऐलान कर दिया है। लेकिन विपक्ष ने इस पर भी सवाल उठाए हैं, क्यों बने ऐसे हालात, क्या प्रदेश में सख्ती का दौर और बढ़ेगा?

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भोपाल के बाजार में कोरोना काल के दौरान लापरवाही की ये तस्वीरें ही शायद वजह बनी नाइट कर्फ्यू के फैसले की। तमाम जागरुकता अभियान, प्रचार प्रसार के बावजूद लोग कोरोना की वैक्सीन के बाद इस महामारी को खत्म मानने लगे थे। मॉस्क और सैनेटाइजर को लेकर जो गंभीरता शुरु में थी वो गायब हो चुकी थी और अब नतीजा सबके सामने हैं। मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भोपाल और इंदौर में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया। इसके अलावा जबलपुर,ग्वालियर,उज्जैन रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल, खरगोन में रात 10 बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे, लेकिन इन शहरों में केस बढ़ते हैं तो यहां भी नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है। इसके अलावा बैठक में महाराष्ट्र से आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग और एक हफ्ते तक आइसोलेशन में रहना जरुरी होगा। इन हालातों को समझने के लिए जरा आंकड़े देखिए। जनवरी के पहले 15 दिन में 8652 नए मरीज मिले थे और 133 मरीजों की मौतें हुईं थीं। 15 जनवरी से 31 जनवरी के बीच 4040 नए संक्रमित मिले और 61 मरीजों ने दम तोड़ा। जबकि पूरी फरवरी में 6839 नए मरीज मिले और 53 मौतें हुईं, लेकिन मार्च के 14 दिनों में ही 6492 नए मामले सामने आए और 22 मरीजों की मौत हो गई जाहिर तौर पर हालात अच्छे नहीं है जिसके कारण नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा।

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कोरोना पर नियंत्रण के लिए सरकार नाइट कर्फ्यू और बाजार बंद के साथ साथ दूसरे उपायों पर विचार कर रही है। बीते पांच दिन के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश के दोनों बड़े शहरों को और सतर्क रहने की जरुरत है। 10 मार्च को प्रदेश में 516 लोग पॉजिटिव आए इनमें से इंदौर के 184 जबकि भोपाल के 92 है। 11 मार्च को 530 पॉजिटिव आए इनमें इंदौर के 196 और भोपाल के 58 है। 12 मार्च को 603 पॉजिटिव में से 219 इंदौर के और 138 भोपाल के थे। 13 मार्च को संख्या बढ़कर 675 हो गई जिसमें  इंदौर के 247 और भोपाल के 118 संक्रमित थे। 14 मार्च को 743 संक्रमित आए और इंदौर में ये आंकड़ा 263 और भोपाल में 139 पहुंच गया। 15 मार्च को कुल संक्रमित 797 जिसमें इंदौर से 259 और  भोपाल से  199 मरीज शामिल थे। वैसे अब सरकार के फैसलों को लेकर विपक्ष उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहा है।

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कोरोना पर नियंत्रण के लिए सरकार सख्ती के साथ साथ आरटी-पीसीआर और रैपिड़ एंटीजन टेस्ट बढ़ाने में भी लगी है, जिन क्षेत्रों में ज्यादा पॉजिटिव मिल रहे हैं उन क्लस्टर्स को चिन्हित कर कंटेनमेंट की कार्रवाई करने के आदेश भी दिए जा चुके हैं।

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