भोपाल: प्रदेश में इन दिनों महिलाओं पर अपराध की कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हैं जिनमें तालिबानी मानसिकता साफ झलकती है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी प्रदेश की कानून व्यवस्था और प्रदेश सरकार पर जमकर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेमावर में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर घटना की CBI जांच की मांग दोहराई है। प्रदेश सरकार के मंत्री इसे कांग्रेस का पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा बताते हैं, सख्त कार्रवाई का दावा करते हैं। लेकिन दावों की पोल खोलती एक के बाद एक महिलाओं पर होते अपराध की तस्वीरें प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।
सोशल मीडिया पर तालिबानी तरीके से सजा देने वाली तस्वीरें वायरल हो रही है। इन तस्वीरों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिलाओं पर बढ़ते अपराध के मामले में सरकार के दावे की कलई खोल दी है। विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में अपराधियों को कानून का खौफ नहीं बचा है। इन घटनाओं से देश में मध्य प्रदेश शर्मसार हुआ है।
देवास के नेमावर में 5 लोगों की तालिबानी तरीके से हत्या, फिर आलीराजपुर और अब धार में एक महिला को सरेआम बेरहमी से पीटने की घटना के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आदिवासी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं, कांग्रेस ने आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में नेमावर पीड़ितों से मुलाकात की। साथ ही घटना की CBI जांच की मांग दोहराई। इस पर प्रदेश सरकार के मंत्री इसे कांग्रेस की ओछी सियासत करार दे रहे हैं ।
एक तरफ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अंबेडकर स्मारक बनाने का एलान कर बीजेपी ने इस वर्ग को साधने का जो दांव चला, उसके उलट कांग्रेस पार्टी नेमावर की घटना के जरिये देश भर में बीजेपी को दलित विरोधी चेहरे के तौर पर पेश करना चाहती है। नेमावर,अलीराजपुर और धार की घटनाओं को सामने रखकर कांग्रेस प्रदेश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की जुट गई है। खास बात ये कि मध्य प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट के साथ-साथ पृथ्वीपुर, रैगांव, जोबट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना हैं जिनमें से दो सीटें रैगांव और जोबट पर दलित मतदाताओं की बहुलता है। तो क्या कांग्रेस की कोशिश है कि उपचुनाव में इसका लाभ लेना है? सवाल ये भी इन हैरान करने वाली घटनाओं पर लगाम कैसे कसेगी? वो घिनौनी मानसिकता कैसे बदलेगी जो इन घटनाओं की वजह है?