राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : नेता प्रतिपक्ष ने सीएम की दिल खोलकर की प्रशंसा, कहा- आदिवासियों की बोली-परंपराओं का संरक्षण किया जाना आवश्यक

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : नेता प्रतिपक्ष ने सीएम की दिल खोलकर की प्रशंसा, कहा- आदिवासियों की बोली-परंपराओं का संरक्षण किया जाना आवश्यक

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  • Publish Date - December 28, 2019 / 05:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक शनिवार को साईंस कॉलेज मैदान में चल रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल ने देश-विदेश से आए लोक कलाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिवासियों की संस्कृति बहुत समृद्ध रही है। हर प्रदेश की संस्कृति वहां की भौगोलिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग है। यहां कई आदिवासी नृत्य देखने को मिले हैं, जो पहले देखने को नहीं मिले थे। इस राष्ट्रीय महोत्सव के दौरान अनेकता में एकता की भावना दिखाई दे रही है, जिससे भाईचारे की भावना बढ़ती है और एक दूसरे की संस्कृति को जानने का अवसर मिला है। उन्होंने इस सुंदर और भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया।

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महोत्सव को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी संबोधित किया। उन्होंने इस विशाल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा की। कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज की जीवनशैली एक समान होती है। आदिवासियों की संस्कृति का ही नहीं बल्कि उनकी भाषा, बोली और परंपराओं का भी संरक्षण होना चाहिए। इस विषय पर अनुसंधान और शोध होना चाहिए, ताकि उनकी संस्कृति बोली, और परंपराओं को लिपिबद्ध किया जा सके।

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इस मौके पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने स्वागत भाषण दिया और इस आयोजन की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडि़या, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव आर.पी. मंडल और विधायकगण उपस्थित थे।