MP Ki Baat: गोडसे, जिन्ना पर फिर सियासी राग! क्या नेताओं को जनता का मुद्दा सियासी नहीं दिखता?

MP Ki Baat: गोडसे, जिन्ना पर फिर सियासी राग! क्या नेताओं को जनता का मुद्दा सियासी नहीं दिखता?

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  • Publish Date - January 11, 2021 / 06:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

भोपालः मध्यप्रदेश में एक बार फिर नाथूराम गोडसे और जिन्ना पर सियासी राग छिड़ गया है। ग्वालियर में हिंदू महासभा ने गोडसे मंदिर में लाइब्रेरी बनाई तो, एक दिन पहले भोपाल में प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाते हुए उन्हें जिन्ना से ज्यादा खतरनाक बताया। दोनों ही मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने सत्ता पक्ष को घेरने में देरी नहीं की..ऐसे में सवाल है कि बार-बार प्रदेश की राजनीति जिन्ना-गोडसे के इर्द-गिर्द क्यों सिमट जाती है?

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तस्वीरें ग्वालियर की हैं जहां एक बार फिर नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन किया जा रहा है। यहां हिंदू महासभा ने युवाओं तक गोडसे के विचार पहुंचाने के लिए दौलतगंज में गोडसे ज्ञानशाला की शुरुआत की हैं। 

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सवाल ये है कि प्रदेश की राजनीति भला जिन्ना-गोडसे के इर्द-गिर्द क्यों सिमट जाती है? क्या ये निकाय चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की एक कोशिश है? क्या किसी रणनीति के तहत जिन्ना-गोडसे का जिक्र किया जाता है? सवाल ये भी है कि क्या नेताओं को जनता का मुद्दा सियासी नहीं दिखता? क्या नेताओं को अपने काम पर भरोसा नहीं है जो वो इस तरह के बयान देते हैं? वजह चाहे जो भी हो लेकिन सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि ये बर्दाश्त नही किया जाएगा।

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गोडसे और जिन्ना दो ऐसे मुद्दे है जिन्हें लेकर कांग्रेस अक्सर निशाने पर रही है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने रामेश्वर शर्मा के बयान पर तो कुछ भी कहने से मना कर दिया, लेकिन गोडसे लेकर उन्होंने स्पष्ट तौर पर अपनी बात रखी।

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इससे पहले भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता कर विवाद खड़ा कर चुकी है, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने कहा कि वो गोडसे को लेकर साध्वी के बयान को लेकर उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे। जाहिर है बीजेपी ये जान चुकी है कि हिंदुस्तान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान उनके लिए परेशानी की वजह बन सकता है।

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