दुर्गः राजनांदगांव जिले के नाराज आदिवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। जिले के लगभग 700 से अधिक आदिवासी पैदल मार्च करते हुए राजधानी रायपुर की ओर बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आदिवासियों का जत्था 25 जनवरी को अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपेंगे।
Read More: भाजपा सांसद शंकर लालवानी की फिसली जुबान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को बताया चंद्र शेखर आजाद
मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिला के खड़गांव के 700 से अधिक आदिवासी पैदल मार्च करते हुए रायपुर के लिए निकले हैं। ये सभी आदिवासी दुर्ग में रात्रि विश्राम करेंगे और 26 जनवरी की पूर्व संध्या को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि ये सभी आदविवासी पांचवी अनुसूची में होने से ना मिलने वाली सुविधाओं से नाराज हैं।
पांचवीं अनुसूचि में क्या है प्रावधान
भारत के संविधान ( भाग 10 ) में अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के बारे उल्लिखित है। ‘‘पांचवी अनुसूची’’ में अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबंध हैं। संविधान के अनुच्छेद 244(1) में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए व्यवस्था की गई हैं! मतलब पांचवी अनुसूची के अंतर्गत धारा 244(1) के तहत अनुसूचित क्षेत्रो में सिर्फ जनजाति समुदाय का ही राज चलेगा।