छिंदवाड़ा । कोरोना वायरस महामारी का संकट ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बनकर मजदूरों पर टूटा है । मजदूरों को शहरों में काम नहीं मिल रहा है। वहीं मध्यप्रदेश में ऐसे क्षेत्र जहां पर कोविड-19 का प्रभाव नहीं है, उन स्थानों में शासन की मंशा अनुसार मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए हैं । छिंडवाड़ा जिला मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में अभी प्रदेश में नंबर वन है ।
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जिले में 1000 से अधिक निर्माण कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ किए गए हैं । जिनमें 75 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिला है । हाल ही में मजदूरों के खाते में 4.50 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रमिक दिनभर अपना कार्य करते हैं। समय-समय पर हाथ धोना और सामाजिक दूरी का पालन प्राथमिकता से कर रहे हैं । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अनूठी पहल है जिसमें लॉकडाउन के दौरान मनरेगा योजना से मजदूरों को काम भी मिल रहा है। साथ ही पौराणिक धरोहर का जीर्णोद्धार भी हो रहा है।
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इस पायलट प्रोजेक्ट में प्राचीन धरोहर किला देवगढ़ की 52 बावलियां और 11 कुओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। प्राचीन काल में वाटर मैनेजमेंट के बेहतर प्रबंधन के रूप में विकसित हुई इन बावलियों को पुनर्जीवित किया जाएगा । सिंचाई तथा पेयजल ग्रामीणों को मिलेगा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि कठिन समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूर को रोजगार मिले, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है । इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसमें प्राचीन देवगढ़ किले की 52 बावलियों और 11 कुओ का जीर्णोद्धार करने की प्राथमिकता तय की गईं हैं । जिले में बड़ी संख्या में काम स्वीकृत कर प्रारंभ कराए गए हैं। हाल ही में मजदूरों को उनका वेतन भी दिया गया है, जिससे उनकी आर्थिक परेशानी भी दूर हुई है।
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