रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र का छठवां दिन हंगामे भरा रहा। प्रश्नकाल के शुरूआती दौर में ही रमन सिंह और भूपेश बघेल के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। इसी क्रम में जनता कांग्रेस धर्मजीत सिंह ने सदन में प्लास्टिक बैन का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार ने प्लास्टिक के निर्माण और पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया हैं कि नहीं। स्पष्ट नहीं है प्रतिबंध लगाया गया है या नहीं? मुम्बई-सूरत से प्लास्टिक और पॉलीथिन आ रहा उसे रोका जाए?
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जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि प्लास्टिक कैसे बन्द हो इस पर भी चिंता कर रहे हैं। मिट्टी और गोबर का गमला बनाया जा रहा है। आदिवासियों से पत्तों और बांस के दोना पत्तल बनाए जा रहे हैं। बाहर से प्लास्टिक न आए इसकी कोशिश की जा रही है। मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा इसके लिए अधिनियम बनाने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, अध्यक्ष महंत ने सरकार को सिंगल यूज प्लास्टिक की फैक्ट्री लगाने की सलाह दी है।
सदन में मौजूद विधायक केशव चंद्रा ने ग्रामीण समुद्र जल प्रदाय येजना का मामला उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि कोरबा में छिन्दई नाला के लिए कितनी राशि की मद स्वीकृत की गई है? उन्होंने छिन्दई नाला के लिए खर्च की गई राशि का ब्यौरा मांगा है।
जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया ने यह 2008 की योजना है जो 10 करोड़ 86 लाख की योजना थी। उस दौरान के अधिकारियों की जानकारी ली जा रही है। जिस कार्य के लिए कार्य स्वीकृत किया गया था वह कार्य नहीं हुआ है। इसके बाद आसंदी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामले की जांच कर विस्तृत जानकारी निकली जाए। जो दोषी अधिकारी हैं उन्हें निलंबित किया जाए।
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