भोपाल: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज यानि गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जमकर तांडव मचाया। पहले तो किसान तय समय से काफी पहले दिल्ली के अंदर दाखिल हो गए, उसके बाद पुलिस द्वारा रोके जाने पर उग्र हो गए और जगह जगह पर बनाए गए बेरिकेड्स भी तोड़ दिए। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले में एक अन्य झंडा फहराया है। वहीं, दिल्ली में किसानों के तांडव को लेकर देशभर के नेताओं की अलग-अलग प्रतिकियाएं सामने आ रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर का बयान सामने आया है।
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मंत्री ऊषा ठाकुर लाल किले पर किसानों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि देखिए किसान क्या ऐसे हो सकते हैं? यह किसान हैं ही नहीं है, यह किसान के रूप में देशद्रोही हैं, जो उत्पात मचा रहे हैं। देश की सुख, शांति और विकास में बाधा बन रहे हैं।
इससे पहले एनसीपी नेता शरद पवार ने भी आज हुई घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता परंतु इसके पीछे के कारण को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था। वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला।
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आज जिस तरह से आंदोलन संभाला गया वह शोचनीय है। हम सभी विपक्ष में बैठे किसानों के कारण का समर्थन करते हैं और मैं अपील करता हूं कि अब आप (किसानों) को अपने-अपने गांवों में शांति से वापस जाना चाहिए और सरकार को आपको दोष देने का कोई अवसर नहीं देना चाहिए।