रायपुर: पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेस से प्रदेश के सभी जिलों के जिला व जनपद पंचायत सदस्यों और सरपंचों के साथ प्रवासी मजदूरों की क्वारेंटाइन व्यवस्था के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लौटने पर उनकी जांच, क्वारेंटाइन की व्यवस्था और स्थानीय ग्रामीणों को सुरक्षित रखना हम सबके लिए बड़ी चुनौती होगी। इसकी व्यापक व्यवस्था के लिए राज्य शासन सभी विभागों के समन्वय से पर्याप्त संसाधन जुटाने में लगा हुआ है।
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वीडियो कॉन्फ्रेस में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी और स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने जिला व जनपद पंचायत कार्यालयों से जुड़े पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ क्वारेंटाइन सेंटर्स में आवश्यक व्यवस्थाएं करने कहा। उन्होंने वहां बेरीकेटिंग, आवास, भोजन, बिजली, पानी, शौचालय, स्नानागार और साफ-सफाई के इंतजाम के बारे में आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सेंटर में रह रहे लोगों को डिस्पोजेबल्स में ही खाना-पीना दें। उनके द्वारा उपयोग किए गए डिस्पोजेबल्स एवं अन्य सामग्री का सावधानीपूर्वक मानकों के अनुरूप निपटान करें।
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की गांव वापसी से घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत संपर्क या उनके थूक या छींक के जरिए मुंह या नाक से निकलने वाले कणों के शरीर में प्रवेश करने से होता है। प्रवासी श्रमिकों की समुचित जांच, निगरानी एवं 14 दिनों के क्वारेंटाइन से यह खतरा टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से लौटने वाले लोगों और स्थानीय ग्रामीणों के बीच क्वारेंटाइन अवधि में सीधा संपर्क न हो।
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने लॉक-डाउन अवधि में गांवों में रोजगार और आर्थिक व्यवस्था सुधारने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों की मेहनत और सक्रियता से मनरेगा में छत्तीसगढ़ में देश में सबसे अच्छा काम हो रहा है। प्रवासी श्रमिकों और स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए क्वारेंटाइन सेंटर्स के इंतजाम और संचालन में भी आप लोगों से इसी सहयोग की जरूरत है।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों को मनरेगा कार्यों में केवल श्रमिकों की संख्या बढ़ाने पर ही जोर नहीं देते हुए इसका वास्तविक लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाने कहा। उन्होंने काम करने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों और गांव में जिन लोगों के जॉब-कॉर्ड नहीं बने हैं, उनके भी जॉब-कॉर्ड बनाने के निर्देश दिए। जल संवर्धन, जल संचय और सिंचाई विस्तार के सामुदायिक एवं व्यक्तिमूलक कार्यों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के साथ अभिसरण (Convergence) से आजीविका संवर्धन के कार्यों को प्रमुखता से लेने कहा।
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सिंहदेव ने हर गांव के लिए नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के अंतर्गत इसके सभी घटकों के लिए कार्ययोजना तैयार करने कहा। उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मछली पालन के कार्यों को मनरेगा के साथ जोड़कर ग्रामीणों की आजीविका मजबूत करने कहा। इससे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए बेहतर संसाधन भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के काम भी जल्दी शुरू किए जा सकेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव टी.सी. महावर, संचालक एस. प्रकाश और अपर विकास आयुक्त अशोक चौबे भी मौजूद थे।
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