भोपाल । सिंधिया की बगावत के चलते मध्यप्रदेश सरकार पर बड़ा संकट है। 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। कमलनाथ सरकार के अनुरोध पर 6 मंत्रियों को राज्पाल ने बर्खास्त कर दिया है। सरकार लगातार बहुमत में होने का दावा कर रही है,लेकिन सवाल अब भी यही है कि मौजूदा 206 विधायकों में सरकार को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 104 विधायकों की जरुरत है, पर उसके पाले में कुल जमा 90 विधायक ही हैं। ऐसे में सरकार फ्लोर पर कैसे बहुमत सिद्ध कर पाएगी।
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सदन में बहुमत सिद्ध करने की इसी जोड़-तंगोड़ में कमलनाथ सरकार जुटी हुई है। सीएम हाउस में इसको लेकर बैठकों का दौर भी जारी है। शनिवार को सीएम हाउस में आयोजित बैठक में सीएम कमलनाथ, दिग्विजयसिंह, विवेक तन्खा और महाधिवक्ता शशांक शेखर शामिल हुए। सीएम हाउस में चल रही बैठक दिन के साढ़े तीन बजे खत्म हुई। बैछख खत्म होने के बाद सबसे पहले दिग्विजय सिंह बाहर निकले, दिग्गी के बाद विवेक तन्खा और महाधिवक्ता शशांक शेखर सीएम हाउस से बाहर आ गए हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में सियासी संकट के मद्देनजर कानूनी विकल्पों पर चर्चा हुई है। शासकीय अधिवक्ताओं के फेरबदल पर भी चर्चा हुई है। ऐसी जानकारी लगी है कि मध्यप्रदेश में महाधिवक्ता की टीम में फेरबदल किया जा सकता है। शासकीय अधिवक्ताओं के पद से सिंधिया समर्थक वकीलों को हटाया जा सकता है ।
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बता दें कि विधायकों के इस्तीफों के बाद सरकार पर आए संकट को लेकर गंभीर विचार-विमर्श जारी है। इस संबंध में कानूनी विकल्पों पर भी बैठक में मंथन चल रहा है।