जबलपुर । शहर को स्मार्ट सिटी की दौड़ में तो आ गया, लेकिन सफाई पर हर महीने करोड़ों रुपए खर्च करने वाला नगर निगम बदहाल व्यवस्था में सुधार लाने में बुरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।
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कचरे से बिजली बनाने के लिए जबलपुर में एशिया का पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तक स्थापित कराया गया था, लेकिन प्रशासनिक अव्यवस्थाओं और बेपटरी सफाई व्यवस्था के चलते ये प्लांट भी बिकने की कगार पर पहुंच चुका है। हालांकि अधिकारी इसमें अपनी नाकामी होने से साफ इनकार कर रहे हैं। निगम अधिकारियों का दावा है कि एशिया का पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट एस्सेल कंपनी की अंदरूनी व्यवस्थाओं के गड़बड़ा जाने के चलते बिक रहा है।
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महानगर की शक्ल लेते शहर में कचरे के अंबार इसकी तरक्की में रोड़ा बने हुए हैं, शहर के लगातार बिगड़ती सफाई व्यवस्था के हालातों ने विपक्ष को भी सत्ता और अधिकारियों पर हमले का मौका दे दिया है।