मनमर्जी के अस्पताल…वसूली का खेल! लोगों को कब मिलेगी राहत?

मनमर्जी के अस्पताल...वसूली का खेल! लोगों को कब मिलेगी राहत?

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  • Publish Date - May 7, 2021 / 05:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

भोपाल: जब पूरा प्रदेश कोरोना संक्रमण से बेहाल है, तब कुछ निजी अस्पताल आपदा में अवसर तलाशने से बाज नहीं आ रहे। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में लालची अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी राशि वसूल रहे हैं। ऐसे अस्पातलों की मनमानी पर नकेल कसने राज्य सरकार ने तीन अफसरों की कमेटी  गठित करने के साथ सभी नागरिकों का निशुल्क इलाज कराने का भी फैसला लिया है। जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार उनके 14 माह पूर्व लिए फैसले को लागू कर जनता को गुमराह कर झूठा श्रेय ले रही है। अस्पतालों में जारी वसूली के खेल को रोकने सरकार फैसले और कड़े कदम उठा रही है लेकिन लोगों को राहत कब मिलेगी ये बड़ा सवाल है?

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कोरोना के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले निजी अस्पतालों की अब खैर नहीं। दरअसल मनमर्जी के अस्पतालों ने कोविड मरीजों से संकट के इस दौर में भी इलाज के नाम पर लाखों का बिल थमाया है। लेकिन अब सरकार ने मनमानी बिलिंग करने वाले निजी अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है।  दर्जनभर निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों ने संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम को बिल के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने की शिकायत की, तो प्रशासन की टीम अस्पताल पहुंची। जांच में पता चला कि ये अस्पताल अनाप-शनाप पैसा ले रहे हैं। प्रशासन की सख्ती के बाद इन अस्पतालों ने 12 मरीजों के परिजनों को तकरीबन 20 लाख रुपए लौटाए, प्रशासन अब इन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। दरअसल तमाम आदेशों के बावजूद अस्पताल अपने परिसर में इलाज की रेट लिस्ट नहीं लगा रहे हैं और इलाज के नाम पर लाखों की वसूली कर रहे हैं। लेकिन अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि निजी अस्पतालों की मनमर्जी नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ आईएएस अफसरों की कमेटी भी बना दी है जो ओवर बिलिंग के मामलों की जांच करेगी।

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निजी अस्पतालों पर नकेल कसने के साथ ही राज्य सरकार ने गांवों में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 5 लाख रुपए तक निःशुल्क इलाज वाली आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ा दिया है। अब राज्य में कोरोना का इलाज कर रहा कोई भी अस्पताल आयुष्मान कार्ड वालों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों से कहा है कि वे तत्काल अनुबंध करें, ताकि गरीबों का कोविड इलाज फ्री हो सके। नए आदेश के मुताबिक इन अस्पतालों में सिटी स्कैन आदि जांचें भी निःशुल्क होंगी। वहीं दवा, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन का पैसा भी नहीं लगेगा।

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बहरहाल मध्यप्रदेश के 328 अस्पताल आयुष्मान योजना के दायरे में आते हैं, जहां कुल 23 हजार 946 बेड हैं। लेकिन कोरोना के मरीजों को अभी फ्री इलाज देने में अस्पताल आनाकानी कर रहे हैं। ऐसी ढेरों शिकायतें सरकार को मिली हैं। लिहाजा सरकार ने अस्पतालों के इलाज की दर के साथ-साथ एंबुलेंस की दरें भी तय कर दी है। वहीं कालाबाजारी को रोकने के लिए आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी की जा रही है। उम्मीद है कि संकट के इस दौर में सरकार की ये कोशिशें ज़रुर रंग लाएगी।

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