महाअष्टमी की रात यहां मां अम्बे लेकर निकलती है खप्पर, 401 साल से अनवरत जारी है परंपरा

महाअष्टमी की रात यहां मां अम्बे लेकर निकलती है खप्पर, 401 साल से अनवरत जारी है परंपरा

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  • Publish Date - October 7, 2019 / 03:17 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

खरगोन: जिले के भावसार मोहल्ले में भावसार क्षत्रिय समाज द्वारा करीब 401 वर्षो से महाअष्टमी की रात्रि में मां अम्बे का खप्पर निकालने की परंपरा का आज भी निर्वहन किया जा रहा है। मां अम्बे का खप्पर देखने दूर-दूर से लोग भावसार मोहल्ला पहुंचते हैं।

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महाअष्टमी की मध्यरात्रि से लेकर नवमी अल सुबह तक निकलने वाले खप्पर के दौरान मां अम्बे का स्वांग रचाने वाले कलाकार एक हाथ में खप्पर और दूसरे हाथ मे तलवार लेकर प्रकट होते है। मां अम्बे के प्रकट होते ही पूरा भावसार मोहल्ला मां अम्बे के जयकारों से गूंज उठता है।

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निमाड़ी गरबियो और भजनों पर माता का खप्पर लिए मां अम्बे अपने भक्तों को दर्शन देती है। शारदीय नवरात्रि में यह परंपरा करीब 401 वर्षो से चली आ रही है। आज नवमी की मध्यरात्रि को मां कालिका शेर पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देगी। मां काली के खप्पर के दौरान भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्यकश्यप का वध भी किया जाएगा।

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