कारोबार । कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है। उस पर बेमौसम की बारिश की वजह से किसानों और कारोबारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। गर्मियों के इस सीजन में आम की बहार होती है। तकरीबन पूरे देश में इस समय कच्चे-पके आम की आवक शुरु हो जाती है। लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से आम की फसल बर्बादी की कगार पर है, दरअअल लॉकडाउन की वजह से आम के बागों की देखभाल नहीं हो पा रही है। समुचित खाद पानी ना मिलने की वजह से आम फसल पर फर्क पड़ रहा है । वहीं बेमौसम की बारिश ने आम की फसल और उसके कारोबार को तहस नहस कर दिया है। आवागमन ठप्प होने की वजह से दूसरे राज्यों से आम की आवक भी नहीं हो रही है।
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पूरे देश में यही स्थिति है वहीं छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में इस बार मौसम की मार का सीधा सीधा असर आम के पेड़ो पर पड़ा है। मौसम का मिजाज उस वक्त बदला जिस वक्त आम के पेड़ों में मौर (बौर) लगा हुआ था। बदले मौसम और आंधी -ओला वृष्टि की मार पेड़ो पर लगी मौर (बौर) नही झेल पाई, जिसके चलते अब ज्यादातर आम की मौर (बौर) झर गई है। इस वजह से पेड़ों में आम का फल नहीं है।
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इस बार जिले के लोगों को दूसरे राज्यों से आने वाले आम से ही संतोष करना पड़ेगा। हालांकि ज्यादतर राज्यों में यही स्थिति है। बता दें कि यही वह वक्त होता है जब आम के पेड़ों मे आम का फल रहा होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। ज्यादातर आम के पेड़ो में गिने चुने ही आम के फल लगे हैं। आम के मोर झड़ जाने से आम का फल सही ढ़ंग से नहीं फल पाया है। जिले मे आम की बड़ी पैदावार होती है। लेकिन इस साल पेड़ों से आम का फल गायब है।